आंग सू कारण बच्चों की सबसे लोकप्रिय किताब विवादों में

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 04:27 PM

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बच्चों की सबसे लोकप्रिय किताब ‘गुड नाइट स्टोरीज़ ऑफ रेबेल गर्ल्स’ विवादों से घिर गई है। इस किताब में उन महिलाओं की कहानियां कही गई हैं जो बच्चों और खासतौर पर लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनकर सामने आई हैं।

म्यामांरः बच्चों की सबसे लोकप्रिय किताब ‘गुड नाइट स्टोरीज़ ऑफ रेबेल गर्ल्स’ विवादों से घिर गई है। इस किताब में उन महिलाओं की कहानियां कही गई हैं जो बच्चों और खासतौर पर लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनकर सामने आई हैं। जैसे अमरीकी राजनेता हिलेरी क्लिंटन, टेनिस दिग्गज सेरेना विलियम्स,  पाकिस्तान की दिलेर लड़की मलाला और अमरीका की हवाई दुनिया में नाम कमाने वाली अमेलिया ईयरहर्ट, नोबल का शांति पुरस्कार हासिल कर चुकीं आंग सान सू ची के जीवन का संघर्ष भी इसमें बयां किया गया है। अभिभावकों की मांग है कि किताब में जिन 100 महिला शख्सियतों की बात की गई है उसमें म्यामांर की नेता आंग सान सू ची का नाम हटा दिया जाए। 
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लेकिन अब सू ची को लेकर बदल रही मानसिकता ने इस किताब को मुसीबत में डाल दिया है। पिछले दो सालों में और खासकर 2017 में म्यामांर से भाग रहे रोहिंग्या मुसलमानों पर हुई ज्यादतियों के बाद सू ची की छवि नकारात्मक होती गई। म्यामांर में रोहिंग्याओं को नागरिकता नहीं दी जा रही है। उनके साथ गैरकानूनी अप्रवासियों की तरह सलूक किया जा रहा है। हालांकि म्यामांर की स्टेट काउंसलर सू ची ने ऐसी किसी दुर्व्यव्हार से इंकार किया है लेकिन दुनियाभर की मीडिया ने रोहिंग्याओं की बदतर हालत और कहानियों को अपने कैमरे में कैद किया है। म्यामांर की सेना और बहुसंख्यक बौद्ध आबादी पर रोहिंग्या के साथ यह अन्याय करने का आरोप लगता आ रहा है।

गुड नाइट स्टोरीज़ ऑफ रेबेल गर्ल्स’ पिछले साल लिखी गई थी।  तब रोहिंग्या उत्पीड़न की खबरें दिखाई जाने लगी थीं लेकिन तब तक सू ची की आमलोगों के बीच छवि दबे कुचले वर्ग के उत्थान के लिए काम करने वाले शख्स के रूप में थी। लेकिन इस साल जिस तरह रोहिंग्या मुसलमानों पर होने वाले अन्याय पर दुनियाभर ने आपत्ति जताई इसके बाद अब शायद इस किताब की लेखिकाएं एलिना और फ्रांससेस्का सू ची की कहानी को हटाने के फैसले पर विचार कर रही हैं। समय समय पर सू ची से नोबल का शांति पुरस्कार वापस लेने की मुहिम भी चलती आ रही है। 13 दिसंबर को ही उनसे डबलिन अवॉर्ड और नवंबर में ऑक्सफॉर्ड सिटी काउंसिल का दिया गया फ्रीडम ऑफ ऑक्सफॉर्ड टाइटल छीन लिया गया है।

यह किताब छह साल से ऊपर के बच्चों के लिए तैयार की गई है।इसमें हर एक रोल मॉडल के लिए दो पन्ने समर्पित किए गए हैं। किताब में सू ची के अहम बयानों को शामिल किया गया जैसे ‘क्योंकि हम इस दुनिया में रहते हैं, इसलिए हमें इस दुनिया के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए।’ किताब में सू ची के 21 साल की गिरफ्तारी और नेतृत्व के बारे में भी लिखा गया है। लेकिन अब इस किताब में लिखी इन सब बातों पर अभिभावकों का गुस्सा फूट रहा है. लेन्का उज़ाकोवा नाम की एक शख्स ने किताब के फेसबुक पेज पर लिखा है ‘किताब का 99 प्रतिशत हिस्सा प्रेरणादायक है। लेकिन यह निहायती बकवास बात है कि आपने इस किताब में ऐसे किसी को शामिल किया, जिस पर जातिसंहार का आरोप है।
 

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