Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 09:48 PM
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) प्रजा फाउंडेशन के एक श्वेत पत्र के अनुसार लगभग 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि दिल्ली महिलाओं और ब‘चों के लिए सुरक्षित नहीं है। ‘‘दिल्ली में अपराध और पुलिस की स्थिति’’ पर आधारित यह श्वेत पत्र एक सर्वेक्षण पर आधारित है जिसमें...
नई दिल्ली: गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) प्रजा फाउंडेशन के एक श्वेत पत्र के अनुसार लगभग 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि दिल्ली महिलाओं और ब‘चों के लिए सुरक्षित नहीं है।
‘‘दिल्ली में अपराध और पुलिस की स्थिति’’ पर आधारित यह श्वेत पत्र एक सर्वेक्षण पर आधारित है जिसमें 24,301 लोगों को शामिल किया गया। इसमें कहा गया कि 50 प्रतिशत लोग राष्ट्रीय राजधानी में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते। जबकि मुम्बई में मात्र 17 प्रतिशत लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते। दिल्ली में महिलाओं, ब‘चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा की स्थिति और भी खराब है। लगभग 60 प्रतिशत लोग यह नहीं मानते कि राष्ट्रीय राजधानी में महिलाएं, ब‘चें और वरिष्ठ नागरिक सुरक्षित है।
मुम्बई के 25 प्रतिशत निवासियों के अपने शहर के बारे में इसी तरह के विचार थे। श्वेत पत्र के अनुसार लगभग 57 प्रतिशत लोग दिल्ली में यात्रा के दौरान खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते है। इनमें से 6& प्रतिशत लोगों ने उत्तरपूर्व दिल्ली में यात्रा के बारे में यह आशंका जाहिर की। दिल्ली में अपराध के लगभग 57 प्रतिशत पीड़ित पुलिस में मामले की रिपोर्ट नहीं करते है।
श्वेत पत्र के अनुसार दिल्ली में इस सर्वेक्षण में शामिल हुए कुल 24,301 लोगों में से 15 प्रतिशत को चोरी, हत्या आदि घटनाओं का सामना करना पड़ा जबकि मुम्बई में केवल पांच प्रतिशत लोग अपराधों के शिकार बने।
दिल्ली में इनमें से 4& प्रतिशत लोगों ने अपराध की घटनाओं के बारे में पुलिस को सूचित किया जबकि 76 प्रतिशत पुलिस बलों की प्रतिक्रिया से असंतुष्ट थे। मुम्बई में सर्वे में शामिल लगभग आधे लोग पुलिस की प्रतिक्रिया से खुश थे।