Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 12:03 PM
शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियों में से कोई भी कंपनी ग्लोबल ऑडिटिंग संस्था प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (PWC) से अपने खातों की ऑडिटिंग नहीं करा सकेगी। सेबी ने PWC पर लिस्टेड कंपनियों के खातों की ऑडिटिंग के लिए 2 साल तक की रोक लगा दी है। सेबी ने यह फैसला 8000...
नई दिल्लीः शेयर बाजार में लिस्ट कंपनियों में से कोई भी कंपनी ग्लोबल ऑडिटिंग संस्था प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (PWC) से अपने खातों की ऑडिटिंग नहीं करा सकेगी। सेबी ने PWC पर लिस्टेड कंपनियों के खातों की ऑडिटिंग के लिए 2 साल तक की रोक लगा दी है। सेबी ने यह फैसला 8000 करोड़ रुपए के सत्यम घोटाले में PWC का नाम आने के बाद सुनाया है। PWC पर यह प्रतिबंध अप्रैल 2018 से लागू हो जाएगा।
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सेबी ने PWC पर इसके अलावा 13.09 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है और जनवरी 2009 से लेकर अबतक इस जुर्माने पर 12 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज देने के लिए भी कहा है। यह प्रतिबंध अप्रैल 2018 से लागू हो जाएगा लेकिन इस साल मार्च अंत तक इसका असर नहीं पड़ेगा। सेबी ने इसके अलावा PWC के दो पुराने पार्टनर्स एस गोपालकृष्णन और श्रीनिवास तल्लौरी पर भी 3 साल का प्रतिबंध लगाया है। इन दोनो का नाम सत्यम घोटाले से जोड़कर देखा जाता है। जब 2009 में सत्यम घोटाला उजागर हुआ था तो उस समय इन दोनो ने ही सत्यम के खातों की ऑडिटिं की थी।