Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 04:30 PM
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अर्धसैनिक बलों के लिए भी ''वन रैंक, वन पेंशन'' की व्यवस्था लागू होनी चाहिए, साथ ही उनका नाम बदलकर आंतरिक सुरक्षा बल करने की मांग की है
नई दिल्लीः लोकसभा में कांग्रेस सदस्य ने अर्धसैनिक बलों का नाम बदलकर आंतरिक सुरक्षा बल करने की मांग की है। साथ ही सेना की तरह इनके लिए भी 'वन रैंक, वन पेंशन' की व्यवस्था लागू करने की वकालात की। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अर्धसैनिक बल मुश्किल हालात में काम करते हैं और देश की सेवा करते हैं। ऐसे में इनको अर्धसैनिक बल नहीं कहा जाना चाहिए।
रोहतक से लोकसभा सदस्य ने यह भी मांग की कि अर्धसैनिक बलों के लिए भी 'वन रैंक, वन पेंशन' की व्यवस्था लागू होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में अर्धसैनिक बल अपने प्राण न्यौछावर करते हैं लेकिन उनको शहीद नहीं कहा जाता। ऐसे में मांग है कि बलिदान देने वाले अर्धसैनिक बलों को भी शहीद का दर्जा दिया जाए।
हुड्डा ने अर्धसैनिक बलों की कैंटीनों में जीएसटी की छूट देने की भी मांग की। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस केके सुरेश ने केरल में कर्ज का भुगतान नहीं कर पाने वाले छात्रों की परेशानी का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार इनकी मदद करे। राकांपा के धनंजय महडिक ने दुग्ध पाउडर तैयार करने वालों को प्रति लीटर सात रुपए की सब्सिडी देने की मांग की।
शिवसेना के हेमंत तुकाराम गोडसे ने नासिक में रेल सुविधाओं का मुद्दा उठाया और मांग की कि सरकार पर इस ओर ध्यान दे। अन्नाद्रमुक के के. अशोक कुमार ने कहा कि सरकार को उन उद्योगों की मदद करनी चाहिए जो जीएसटी लागू होने के बाद बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं।