चोरों ने उड़ाई नींद, अब पहरा न देने वाले गांवों पर पुलिस कसेगी शिकंजा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 02:52 PM

police strict on villagers

क्राइम पर लगाम कसने के लिए ज्यादात्तर क्षेत्र पर पुलिस द्वारा नजर रखना असंभव ही नही बल्कि नामुनकिन है, ऐसे में अक्सर पुलिस विभाग गांवों में ठीकरी पैहरा लगाने के निर्देश देता रहता है, लेकिन इन दिनों भीषण सर्दी कहें या फिर ठीकरी पैहरे पर लापरवाही,...

रायपुररानी/पंचकूला (संजय) : क्राइम पर लगाम कसने के लिए ज्यादात्तर क्षेत्र पर पुलिस द्वारा नजर रखना असंभव ही नही बल्कि नामुनकिन है, ऐसे में अक्सर पुलिस विभाग गांवों में ठीकरी पैहरा लगाने के निर्देश देता रहता है, लेकिन इन दिनों भीषण सर्दी कहें या फिर ठीकरी पैहरे पर लापरवाही, क्योंकि ज्यादात्तर गांवों में रात के वक्त ठीकरी पैहरा नहीं लगता, जिसके चलते गांवों में जान-माल की सुरक्षा राम भरोसे है। रायपुररानी पुलिस थाने में करीब 80 गांव है और इनमें से करीब 25-30 गांवों में ही रात को ठीकरी पैहरा लगता है, बाकि 50 गांवों में लोग पुलिस के सहारे ही जान-माल की सुरक्षा की उम्मीदों के सहारे रात को नींद ले रहे है, अब पुलिस विभाग ठीकरी पैहरे को लेकर गंभीर है और जिन गांवों में ठीकरी पैहरा नही लगा है, उन्हें पुलिस सख्त हिदायतें भेजेगा, ताकि पुलिस को भी कुछ राहत मिल सकें। पुलिस की एक तरफ तो चारियों ने नींद उड़ाई हुई है। पुलिस पैट्रोलिंग के जरिये अपना काम करती है, लेकिन पुलिस ठीकरी पैहरा लगाने को लेकर भी गंभीर रहती है, क्योंकि ऐसे में पुलिस को क्राइम पर शिकंजा कसने में काफी मदद मिल जाती है ।

रायपुररानी, बरवाला के 120 गांवों में सिर्फ 40 में ठीकरी पैहरा
ठीकरी पैहरा लगाने के यदि गुप्त आंकड़ों की बात करें तो रायपुररानी-बरवाला ब्लॉक में 120 गांव है, लेकिन ठीकरी पैहरा सिर्फ करीब 40 गांवों में ही लगता है। रायपुररानी पुलिस थाने के अधीन 80 गांव है, ठीकरी पैहरा सिर्फ 25 गांवों में, इसी प्रकार बरवाला पुलिस चौंकी के पास 11 गांव है और किसी गांव में पैहरा नही लगता और रामगढ़ पुलिस चौंकी के अधीन 28 गांव है और करीब 15 गांवों में ठीकरी पैहरा लगता है। पुलिस का दावा है कि अपराध पर लगाम कसी हुई है और गांवों को भी निर्देश दिए हुए है कि ठीकरी पैहरा लगाया जाए। 

क्या है ठीकरी पैहरा
गांव के ही लोग पंचायत के निर्देश पर कई ग्रुपों में रात के 11 बजे से सुबह 5 बजे तक खुद पैहरा देते है, जिस दौरान पुलिस भी इन ठीकरी पैहरों की जांच करती है। इसमें पुलिस की हिदायतें भी होती है और यदि कोई संदिग्ध दिखता, पकड़ा जाता है तो तुरंत इसकी सुचना पुलिस को देनी होती है। ऐसे में ठीकरी पैहरा गांवों की सुरक्षा के लिए कारगार साबित होता है, लेकिन अब सवाल उठता है कि जिन 50 गांवों में ठीकरी पैहरा नही लगता, उन पर पुलिस कितनी सख्त होगी, यह तो समय ही बताएगा। 

ठीकरी पैहरा देने के लिए पुलिस ने कई बार ग्राम पंचायतों को हिदायतें दी कि जान-माल की सुरक्षा के लिए ठीकरी पैहरा बहुत जरूरी है और पुलिस थाने के अधीन करीब 80 गांव आते हैं और करीब 25-30 गांवों में मैंने खुद मौका जांचा और वहां ठीकरी पैहरा मिला, लेकिन बाकी के करीब गांवों के सरपंचों को हिदायतें दी हुई है कि जल्द गांवों में ठीकरी पैहरा किया जाए।  पुलिस ने दुकानें तोडऩे 6 मामलें ट्रेस कर लिए और चोरी का सामान भी बरामद कर लिया है। 
सुरजीत सिंह, एस.एच.ओ पुलिस थाना रायपुररानी। 
 

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