स्मार्ट सिटी योजना पटरी से उतरती, अब तक केवल 7 फीसदी फंड का हुआ इस्तेमाल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 06:29 PM

smart city project so far only used for 7  funds

योजना के तहत जारी राशि का महज 7 फीसदी हिस्सा ही खर्च हो सका है। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत देश के 60 शहरों के लिए 9,860 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई थी, जिसमें से महज 645 करोड़ रुपए ही खर्च हुए हैं

नई दिल्लीः मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना का हाल बेहाल है। देश के शहरों को हाईटेक बनाने वाली इस परियोजना में काम काफी धीमी गति से चल रहा है कि योजना के तहत जारी राशि का महज 7 फीसदी हिस्सा ही खर्च हो सका है। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत देश के 60 शहरों के लिए 9,860 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई थी, जिसमें से महज 645 करोड़ रुपए ही खर्च हुए हैं। इसका खुलासा शहरी विकास मंत्रालय के डेटा से हुआ है। 

अहमदाबाद ने खर्च किए सबसे ज्यादा  
आंकड़े सामने आने के बाद शहरी विकास मंत्रालय ने चिंता जाहिर की है। शहरी विकास मंत्रालय ने 40 शहरों की सूची बनाकर सभी को 196 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की थी। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अहमदाबाद ने ही सबसे ज्यादा 80.15 करोड़ रुपए खर्च किए है। इसके बाद इंदौर 70.69 करोड़ रुपए खर्च दूसरे पायदान पर है। 43.41 करोड़ रुपए का उपयोग करके सूरत तीसरे और 42.86 करोड़ रुपए का इस्तेमाल करके भोपाल चौथे नंबर पर है।

1 करोड़ तक की रकम नहीं खर्च कर सके
शहर विकास मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, कुछ शहर तो एेसे हैं, जिन्होंने अपने फंड से 1 करोड़ रुपए तक इस्तेमाल नहीं कर सके हैं। रांची ने अब तक केवल 35 लाख, अंडमान निकोबार ने 54 लाख और औरंगाबाद ने 85 लाख रुपये खर्च किए हैं। वहीं, एक सूत्र का कहना है कि मंत्रालय शहरों के इस प्रदर्शन से खुश नहीं है। उसने इस स्थिति पर चिंता जाहिर की है। मंत्रालय के सूत्र ने कहा, 'शहरी विकास मंत्रालय खराब प्रदर्शन करने वाले शहरों से बात करके उन्हें प्रॉजेक्ट्स में तेजी लाने को कहेगा।'

111 करोड़ फंड पाने वालों में वडोदरा अव्वल
वहीं, 111 करोड़ रुपए का शुरुआती फंड पाने वाले शहरों में वडोदरा ने 20.62 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, वहीं सेलम ने 5 लाख, वेल्लोर ने 6 लाख और तंजावुर ने 19 लाख रुपए इस्तेमाल किए हैं। कुछ दिन पहले परियोजना की समीक्षा के लिए हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि एक ओर जहां मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार में स्मार्ट सिटी परियोजना पर अच्छा काम हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र को परियोजना पर तेजी से काम करने की जरूरत है।

हाल ही में शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप पुरी ने कहा था कि इस परियोजना का प्रभाव 2018 के मध्य से दिखना शुरू हो जाएगा, लेकिन आंकड़े इससे अलग दिख रहे हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना को प्रमोट करने के लिए जून 2018 में केंद्र सरकार अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों को 'स्मार्ट सिटी अवार्ड्स' देन जा रही है। 
 

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