Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 05:21 PM
सौर बिजली की दर में ऐसा लगता है कि गिरावट का दौर थम गया है और यह अब तक के न्यूनतम स्तर 2.44 रुपए प्रति यूनिट से संभवत: नीचे नहीं जाएगी। इसका कारण बोली की बेहतर व्यवस्था का न होना तथा मांग दबाव के कारण सौर पैनल के दाम में बढ़ौतरी है।
नई दिल्ली : सौर बिजली की दर में ऐसा लगता है कि गिरावट का दौर थम गया है और यह अब तक के न्यूनतम स्तर 2.44 रुपए प्रति यूनिट से संभवत: नीचे नहीं जाएगी। इसका कारण बोली की बेहतर व्यवस्था का न होना तथा मांग दबाव के कारण सौर पैनल के दाम में बढ़ौतरी है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार पिछले साल मई में राजस्थान के भादला में 500 मैगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता की नीलामी के दौरान सौर बिजली की दर 2.44 रुपए प्रति यूनिट पर आ गई। इसमें परियोजना को व्यावहारिक बनाने को लेकर वित्त पोषण की व्यवस्था थी। आंकड़े के अनुसार जुलाई में तमिलनाडु में 1,500 मैगावाट क्षमता की नीलामी में सौर बिजली की दर 3.47 रुपए प्रति यूनिट पहुंच गई। वहीं गुजरात में 500 मैगावाट क्षमता की नीलामी में यह घटकर 2.66 रुपए प्रति यूनिट पर आ गई।