Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 08:58 AM
बेडरूम पति-पत्नी का निजी स्थान होता है, जहां वह अपने सुख-दुख एक दुसरे के साथ सांझा करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार दंपत्ति की चाहे नई-नई शादी हुई हो या वैवाहिक जीवन में बंधे बहुत साल व्यतित हो गए हुए हों। उनके आस-पास का वातावरण उनके
बेडरूम पति-पत्नी का निजी स्थान होता है, जहां वह अपने सुख-दुख एक दुसरे के साथ सांझा करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार दंपत्ति की चाहे नई-नई शादी हुई हो या वैवाहिक जीवन में बंधे बहुत साल व्यतित हो गए हुए हों। उनके आस-पास का वातावरण उनके रिश्ते पर अपना प्रभाव डालता है। बहुत सारी ऐसी चीजें होती हैं जो रिश्ते में बाधक बनकर संबंधों में दूरियां बढ़ाने का काम करती हैं। शादी के बाद पति-पत्नि के वैवाहिक जीवन का आधार होता है एक-दूसरे पर भरोसा, प्रेम और समझ जो उनके रिश्ते के लिए बेहद जरूरी है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जिस कमरे में वो रह रहे हैं वह किसी भी पति-पत्नी के रिश्ते पर अपना सकरात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालता है।
उत्तर या उत्तर पूर्व अथवा दक्षिण पश्चिम में दंपत्ति अपना बिस्तर लगाएं। रोमांस बरकरार रहेगा।
बिजली का सामान जैसे टेलीविजन, कंप्यूटर, लैपटॉप बेड रूम में न रखें। यह रिश्ते में आग लगाने का काम करती हैं, जिससे गलतफहमियों को तगड़ा झटका लगता है।
बेड रूम में पूर्वजों की तस्वीरें, भगवान के चित्रपट अथवा प्रतिमाएं न लगाएं। लव बर्ड और रोमांटिक तस्वीरें लगाएं।
बेड रूम का दरवाजा और बेड आमने-सामने नहीं होने चाहिए।
डबल गद्दे की बजाय सिंगल गद्दे का प्रयोग करें। संबंधों में दूरियां आती हैं।
सप्ताह में एक बार बेडशीट जरूर बदलें, कमरे में साफ-सफाई जरूर रखें अन्यथा लक्ष्मी रूठ जाएंगी।
फटे-पुराने बिस्तर का इस्तेमाल न करें, नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।