Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Dec, 2017 05:06 PM
अमरीकी संसद समिति ने अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान संस्था का अनुदान रोकने की धमकी दी है। अमरीका ने इस संस्था को जवाब देने के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया है...
वॉशिंगटनः अमरीकी संसद समिति ने अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान संस्था का अनुदान रोकने की धमकी दी है। अमरीका ने इस संस्था को जवाब देने के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया है। फ्रांस स्थित अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान संस्था (IARC) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अर्द्ध स्वायत्त इकाई है। यह उन पदार्थो का मूल्यांकन करती है जो कैंसर की वजह बन सकते हैं।
विज्ञान, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी मामलों की अमरीकी प्रतिनिधि सभा की कमेटी ने संस्था को लिखे पत्र में कहा है कि अगर कामकाज में पारदर्शिता नहीं दिखी तो अमरीका अनुदान के बारे में पुनर्विचार कर सकता है। अमरीका 1985 से लगातार संस्था को लगभग 300 करोड़ रुपए का अनुदान देता आ रहा है। शुक्रवार को जारी इस नए पत्र ने 2016 से चले आ रहे विवाद को नया मोड़ दे दिया है। तब अमरीकी कमेटी ने आइएआरसी की ओर से मोबाइल फोन, कॉफी और प्रोसेस्ड मीट को कैंसर का कारक बताए जाने की जांच शुरू कर दी थी।
जांच के दौरान कमेटी ने एजैंसी से साक्ष्य भी उपलब्ध कराने को कहा था। इसपर एजैंसी ने इनकार करते हुए कहा था वह स्वतंत्र जांच दल का स्वागत करेगी जिसका कोई निहित स्वार्थ न हो। कहा तो यह भी जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ की संस्था की ओर से ग्लाइफोसेट के इस्तेमाल को लेकर की जा रही समीक्षा ने भी अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। ग्लाइफोसेट वह पदार्थ है जिसका अमरीकी मल्टीनेशनल कंपनी मोंसेंटो व्यापक पैमाने पर कृषि बीज बनाने में इस्तेमाल करती है।