Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 05:46 PM
जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के इस्तीफा देने के साथ ही उनकी 37 सालों से चली आ रही सत्ता का अंत हो गया। अब जिम्बाब्वे के नागरिकों को अपने अगले राष्ट्रपति का इंतजार है...
हरारेः जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के इस्तीफा देने के साथ ही उनकी 37 सालों से चली आ रही सत्ता का अंत हो गया। अब जिम्बाब्वे के नागरिकों को अपने अगले राष्ट्रपति का इंतजार है। संसद के विशेष संयुक्त सत्र में मुगाबे के युग का अंत हुआ, जिसमें सांसदों ने 93 साल के नेता को हटाने का फैसला किया। मंगलवार शाम जब मुगाबे के इस्तीफे की घोषणा हुई तो सड़कों पर खुशी और जश्न का माहौल दिखा। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर खुशी मनाते नजर आए।
जिम्बाब्वे के अगले राष्ट्रपति एमर्सन मनांगग्वा होंगे। उन्हें रॉबर्ट मुगाबे ने इसी महीने की शुरुआत में उप राष्ट्रपति पद से हटाया था, जिसकी वजह से सेना ने मुगाबे को नजरबंद किया और उन्हें अपनी दशकों पुरानी सत्ता तक गंवानी पड़ी। मनांगग्वा एक समय पर मुगाबे के प्रमुख सहयोगी रहे थे लेकिन राष्ट्रपति पद की दौड़ में वे मुगाबे की पत्नी ग्रेस के चिर प्रतिद्वंद्वी भी रहे हैं। जिम्बाब्वे के संसद के स्पीकर जैकब मुदेंदा ने एक पत्र पढ़ा जिसमें लिखा गया था, 'मैं रॉबर्ट गैब्रियल मुगाबे, तत्काल प्रभाव से आधिकारिक तौर पर इस्तीफा देता हूं। इस्तीफा देना मेरा अपना फैसला है।'
सत्ताधारी ज़ानू-पीएफ पार्टी ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद से हटाए जाने के बाद जिम्बाब्वे से जा चुके मनांगग्वा को सत्ता सौंपी जा सकती है। पार्टी प्रवक्ता सिमॉन खाया मोयो ने कहा, 'मनांगग्वा अगले 24 घंटों में वापस देश आ जाएंगे और वह अगले 90 दिनों के लिए देश के अंतरिम राष्ट्रपति बन सकते हैं।' मुगाबे जिम्बाब्वे की आजादी के समय यानी सन् 1980 से देश की सत्ता संभाल रहे थे लेकिन हाल ही में अपनी 52 वर्षीय पत्नी ग्रेस मुगाबे को अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए उन्होंने एमर्सन को उपराष्ट्रपति पद से हटा दिया था, जिसके बाद उन्हें अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा।