Edited By ,Updated: 04 Sep, 2015 10:54 AM
आज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी है जिसे बलदाऊ जयंती, हलषष्ठी व हरछठ के नाम से भी जाना जाता है। बलदाऊ जी शेषनाग के अवतार थे।
आज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी है जिसे बलदाऊ जयंती, हलषष्ठी व हरछठ के नाम से भी जाना जाता है। बलदाऊ जी शेषनाग के अवतार थे। शास्त्रों के अनुसार जब कंस ने देवकी-वसुदेव के छ: पुत्रों को गर्भ में ही मार डाला, तब सातवें गर्भ में बलराम जी पधारे। भगवान विष्णु की आज्ञा से योगमाया ने उन्हें अपने आकर्षण में बांध नन्द बाबा के घर में रह रही वासुदेव जी की पहली पत्नी रोहिणी जी के गर्भ में पहुंचा दिया तभी तो उन्हें संकर्षण नाम से भी जाना जाता है। बलवानों में महाबलवान होने के कारण इन्हें बलभद्र भी कहा जाता है।
पुराणों के अनुसार, बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल व मूसल है इसलिए इन्हें हलधर भी कहते हैं। बलराम जी के नाम पर इस त्यौहार को हलषष्ठी कहते हैं। हल से ही कृषि की जाती है जिससे की सारी मानव जाति को अन्न प्राप्त होता है।
आज के दिन क्या करें
* हल चले धरती का अन्न व शाक भाजी अवश्य खाएं।
* गाय के दूध से बना कोई भी पदार्थ न खाएं।
* शिव परिवार और नाव का पूजन करें।
इस तरह करने से संतानहीन महिलाओं को श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है। संतानवान माताओं की संतान की उम्र आरोग्य एवं वैभव में बढ़ौतरी होती है।