भारत का एकमात्र मेला जहां हर धर्म के लोग आते हैं, भगवान भी आए थे अपना पाप धोने!

Edited By ,Updated: 06 Sep, 2016 03:12 PM

kpalmochan

उत्तर भारत के प्रसिद्ध कपालमोचन मेले की बहुत सारी कथाएं हैं। पूरे देश में केवल एकमात्र यहीं एक ऐसा मेला है, जहां पर हर धर्म का व्यक्ति आता है।

उत्तर भारत के प्रसिद्ध कपालमोचन मेले की बहुत सारी कथाएं हैं। पूरे देश में केवल एकमात्र यहीं एक ऐसा मेला है, जहां पर हर धर्म का व्यक्ति आता है। इसके पीछे भी कई प्रकार के कारण बताए जाते है। यहां भगवान शिव, गुरु नानक देव, गुरू गोबिंद सिंह आए। वहीं राजा अकबर भी यहां अपने पाप धोने के लिए आए थे। 

 

कपालमोचन गुरुद्वारा के प्रमुख सरदार बलदेव सिंह कायमपुरी की मानें तो इस स्थान का असल में पूरा नाम कर-कपालमोचन है। यह देश के 68 प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक है। यहां पर हर धर्म के लोगों की आस्था है और यहीं कारण है कि यहां पर हरियाणा, पंजाब व यूपी के अलावा विदेशों से भी लोग आते हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर गुरु नानक देव जी भी आए थे। उसके बाद भंगयानी साहब का युद्ध जीतने के बाद गुरु गोबिंद सिंह भी यहां आए और 52 दिन तक यहां पर रहे। 

 

यहीं पर ही गुरु गोबिंद सिंह ने गुरु नानक देव का प्रकाशोत्सव भी मनाया था। यहां पर भगवान शिव खुद पर लगे ब्रह्महत्या का दोष दूर करने के लिए आए थे। इतना ही नहीं महाभारत का युद्ध जीतने के बाद पांडव भी यहां पर स्नान करने के लिए आए थे। यह इलाका सिंधू वन के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं कपालमोचन के समीप ही मखौर गांव में भगवान गणेश का सिर जोड़ा गया था। 

 

बलदेव सिंह बताते हैं कि यहां पर राजा अकबर भी आए थे। उनके यहां आने का कारण बताते हुए वह कहते है कि जिस समय राजा अकबर ने कांगड़ा जी में ज्वाला मां की ज्योत को बुझाने का प्रयास किया तो उन्हें आकाशवाणी हुई थी कि वह यदि अपने पाप दूर करना चाहते हैं तो कपामोचन में जाकर स्नान करें। इसके बाद वह यहां पर आए थे। 

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