Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Jan, 2022 09:04 AM
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आज 28 जनवरी को षटतिला एकादशी और
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Shattila Ekadashi 2022: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आज 28 जनवरी को षटतिला एकादशी और शुक्रवार का शुभ योग बन रहा है। षटतिला एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और शुक्रवार का दिन महालक्ष्मी का प्रिय दिन है। श्री हरि को प्रसन्न करने का सरलतम माध्यम है षटतिला एकादशी पर तिल अथवा उससे बनी चीजों का दान, इससे पापों का नाश होता है। इस दिन काले तिलों के दान का विशेष महत्व है। शरीर पर तिल के तेल की मालिश, तिल जल स्नान, तिल जलपान तथा तिल पकवान का सेवन करने पर घोर से घोर पापों का नाश होता है। शास्त्रों में भी कहा गया है-
तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।
तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।
अर्थात- तिल का उबटन लगाकर, जल में तिल मिलाकर स्नान करना, तिल से हवन करना, पानी में तिल को मिलाकर पीना, तिल से बने पदार्थों का भोजन करना और तिल अथवा तिल से बनी चीजों का दान करने से सभी पापों का नाश होता है।
षटतिला एकादशी पारण 29 जनवरी
षटतिला एकादशी तिथि की शुरुआत 28 जनवरी, शुक्रवार को प्रात: काल 02 बजकर 16 मिनट पर होगी और एकादशी तिथि का समापन 28 जनवरी की रात 11 बजकर 35 मिनट पर होगा। ऐसे में षटतिला एकादशी का व्रत 28 जनवरी को ही रखा जाएगा। व्रत का पारण 29 जनवरी को किया जाएगा। पारण के लिए शुभ समय 29 जनवरी शनिवार को सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 मिनट के बीच रहेगा।