Edited By ,Updated: 14 Jan, 2016 09:08 AM
मकर संक्रांति सूर्य उपासना का पर्व है। भगवान सूर्य को दिव्य आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य, धन, सुख, परिवार, इच्छा विकास से मोक्ष तक का कारक माना गया है। इस दिन सूर्य के
मकर संक्रांति सूर्य उपासना का पर्व है। भगवान सूर्य को दिव्य आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य, धन, सुख, परिवार, इच्छा विकास से मोक्ष तक का कारक माना गया है। इस दिन सूर्य के उदयकाल में किया गया स्नान, दान-पुण्य उत्तम फलों को देने वाला है। तिल, गरम वस्त्र, खिचड़ी, चावल, सब्जी आदि दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। अन्य दिनों की तुलना में आज किया गया दान-पुण्य कई गुना अधिक लाभ दिलाता है।
मकर संक्रांति के दिन प्रत्येक घर में खिचड़ी बनाई जाती है और सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें भोग स्वरूप चढ़ाई जाती है। भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि के आधार भगवान सूर्य नारायण को माना जाता है। उनका धन्यवाद करने के लिए नए धान से पकवान एवं खिचड़ी बनाकर उन्हें भोग लगा कर प्रसाद स्वरूप स्वयं ग्रहण किया जाता है।
ये करें संक्रांति पर
1 सूर्य के बीज मंत्र का जाप।
2 सूर्य को अर्घ्य दें।
3 सफेद तिल की गजक, चावल, दूध-घी, खीर, खिचड़ी, नारियल का दान करें।
4 गाय को हरी घास, चारा या पालक खिलाएं।
5 ऊनी वस्त्र, कंबल आदि का दान करें।