ऐसे करें शनिवार का व्रत अौर पूजन, शनि दोष से मिलेगी मुक्ति

Edited By ,Updated: 07 Oct, 2016 11:09 AM

shani dev vrat puja

शनिदेव की कृपा से गरीब भी अमीर बन जाता है लेकिन जिस पर उनकी कुदृष्टि पड़ती है वह राजा भी रंक बन जाता है। जीवन में शनि ग्रह

शनिदेव की कृपा से गरीब भी अमीर बन जाता है लेकिन जिस पर उनकी कुदृष्टि पड़ती है वह राजा भी रंक बन जाता है। जीवन में शनि ग्रह के अंशात हो जाने से जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि दोष से ग्रसित व्यक्ति को शनिदेव का व्रत अौर पूजन करना चाहिए। शनिदेव को प्रसन्न करके इस दोष से मुक्ति मिल सकती है। इसके अतिरिक्त व्यक्ति को सुख अौर वैभव की प्राप्ति होती है। इस प्रकार करें व्रत अौर पूजन-

 

* ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होकर स्वस्थ वस्त्र पहनकर पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें। 

 

* लोहे से निर्मित शनिदेव की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाएं। उसके पश्चात प्रतिमा को चावलों से निर्मित चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें। काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से प्रतिमा का पूजन करें। पूजा के दौरान शनिदेव के दस नामों का उच्चारण करें- कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर। 

 

* पूजा के बाद पीपल के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें। फिर मंत्र उच्चारण करते हुए प्रार्थना करें। 

 

शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे। केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥

 

* सात शनिवार तक शनिदेव का व्रत करें। व्रत के अंतिम दिन व्यक्ति को शनि देव की आराधना करते हुए हवन करना चाहिए।

 

* इसके पश्चात अपने सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों को भोजन करवाएं अौर लौह वस्तु अौर धन का दान जरुर देना चाहिए।


 

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