Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Sep, 2023 07:07 AM
श्राद्ध पक्ष में अपनी सामर्थ्य के अनुसार श्राद्ध करना चाहिए। चीज-वस्तु लाने की ताकत नहीं हो तो साग से ही श्राद्ध करें। साग खरीदने की भी शक्ति नहीं है तो हरा चारा काट कर गाय माता को खिला दें
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Shradh Paksha 2023: श्राद्ध पक्ष में अपनी सामर्थ्य के अनुसार श्राद्ध करना चाहिए। चीज-वस्तु लाने की ताकत नहीं हो तो साग से ही श्राद्ध करें। साग खरीदने की भी शक्ति नहीं है तो हरा चारा काट कर गाय माता को खिला दें और हाथ ऊपर कर दें कि, ‘‘हे पितरो! आपकी तृप्ति के लिए मैं गाय को तृप्त करता हूं, आप उसी से तृप्त हो जाइए।’’
तब भी उस व्यक्ति का भाग्य बदल जाएगा।
गाय को घास देने की भी शक्ति नहीं है तो जिस तिथि में पिता-माता चले गए, उस दिन स्नान करके पूर्वाभिमुख होकर दोनों हाथ ऊपर करें और कहें, "हे भगवान सूर्य! मैं लाचार हूं। कुछ नहीं कर पाता हूं। आप मेरे पिता-माता, दादा-दादी (उनका नाम तथा उनके पिता का नाम व कुल गोत्र का नाम लेकर) को तृप्त करें, संतुष्ट करें।"
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पितृगण वायु रूप में घर के दरवाजे पर दस्तक देते हैं, वे अपने परिजनों से श्राद्ध की इच्छा रखते हैं। उनसे अन्न, जल की अभिलाषा रखते हैं। उससे संतृप्त होना चाहते हैं। सूर्यास्त के बाद वे निराश होकर लौट जाते हैं। पितृ इतने दयालु होते हैं कि कुछ भी पास न हो तो दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके आंसू बहा देने से ही तृप्त हो जाते हैं।
जिसके पास साधन सामग्री है और लाचार-लाचार करते हैं, वे लाचार बन जाएंगे लेकिन जो सचमुच लाचार हैं, उन पर भगवान विशेष कृपा करते हैं। आपकी प्रार्थना से जब पितर तृप्त और संतुष्ट होंगे तो आपके जीवन में धन-धान्य, तृप्ति-संतुष्टि चालू हो जाएगी।