Edited By ,Updated: 12 Jan, 2015 02:38 PM
झाइयां: चेहरे पर काली झाइयां साधारणत: त्वचा की निचली परतों में रहने वाले प्राकृतिक पदार्थ सिलीकोन की कमी से होती है।
झाइयां: चेहरे पर काली झाइयां साधारणत: त्वचा की निचली परतों में रहने वाले प्राकृतिक पदार्थ सिलीकोन की कमी से होती है। नहाने से पूर्व रोज एक चम्मच गुनगुने शहद में 2-3 बूंदें ग्लिसरीन व चुटकी भर नमक मिलाकर अच्छी तरह मथकर हल्के हाथ से कुछ दिनों तक लगाने से झाइयां दूर हो जाती हैं।
मासिक स्राव कष्ट तथा दर्द के साथ होना : 2 चम्मच अजवायन, 2 कप पानी में डालकर उबालें। 1 कप शेष रख लें, इसमें गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट चाय की तरह पी लें। यह नुस्खा प्रतिदिन सुबह-शाम 3 दिन तक लेना चाहिए। सामान्यत: 3 मासिक स्राव तक प्रयोग प्राप्त रहता है। मासिक स्राव के होने से 3 दिन पहले इसका प्रयोग आरंभ करने से मासिक समय पर खुलकर आता है।
बवासीर : आम के कोमल पत्तों को जल के साथ पीसकर मिश्री मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है। खूनी बवासीर से रक्त आना बंद होता है। रक्त प्रदर : आम की गुठली की गिरी का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में लेने से रक्त प्रदर, खूनी बवासीर, पेट के कीड़े दूर होते हैं।
सिर के बाल झडऩा : बरगद के पत्तों को कुचल लें और अलसी के तेल में पकाएं। पत्तों के जल जाने पर तेल छानकर रख लें। इस तेल की मालिश करने से कुछ ही दिनों में बालों का झडऩा रुक जाएगा और झड़े हुए बालों के स्थान पर नए बाल आने लगेंगे। देसी घी में 4-6 बादाम की गिरी पीसकर डाल दें और इतनी उबालें कि गिरी के टुकड़े जल जाएं। अब घी को छानकर शीशी में भर लें। यह घी गुनगुना करके सिर पर मालिश करने से बालों का झडऩा रुकता है और दिमागी कमजोरी भी दूर होती है।