Edited By Isha,Updated: 12 Sep, 2018 11:50 AM
कानपुर के एक सिख व्यक्ति ने अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में तैनात गार्ड दस्ते में स्थान पाकर देश का मान ऊंचा कर दिया है। अंशदीप सिंह भाटिया को 1984 के दंगों में गहरे
इंटरनैशनल डेस्कः कानपुर के एक सिख व्यक्ति ने अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में तैनात गार्ड दस्ते में स्थान पाकर देश का मान ऊंचा कर दिया है। अंशदीप सिंह भाटिया को 1984 के दंगों में गहरे जख्म मिले थे जिसके बाद उनका परिवार पहले लुधियाना और फिर अमरीका में शिफ्ट हो गया। 1984 के दंगों में उनके छोटे बेटे की हत्या कर दी गई थी और बड़े बेटे देवेंद्र को भी गोलियां मारी गईं, लेकिन वह बच गए। दंगों के बाद उनके परिवार ने कानपुर छोड़ दिया और लुधियाना शिफ्ट हो गया।
परिवार जब अमरीका चला गया तो अंशदीप ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुरक्षा गार्डों में शामिल होने की ठानी लेकिन उनके लिए बड़ी समस्या थी कि इन सुरक्षा गार्डों में शामिल होने के लिए सामान्य वेशभूषा ही होनी चाहिए, चूंकि अंशदीप सिख थे तो उन्हें इसमें परेशानी का सामना करना पड़ा, साथ ही तैनाती को लेकर जब कुछ शर्तें लगाई गईं तो अंशदीप ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लंबी लड़ाई लड़ी और सफलता पाई।
अंशदीप सिंह भाटिया ने अमरीकी राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्डों में शामिल होने से पहले भी कई जगह नौकरी की, लेकिन उनके दिमाग में हमेशा से ही कुछ अलग करने का जुनून था। उनके दादा कंवलजीत सिंह भाटिया के अनुसार अंशदीप ने पहले एयरपोर्ट सिक्योरिटी में भी कुछ दिनों तक नौकरी की। इसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्डों में शामिल होने से पहले उनकी ट्रेनिंग हुई। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें इसी सप्ताह एक समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के तैनात गार्ड दस्ते में शामिल कर लिया गया, साथ ही वह ऐसे पहले सिख व्यक्ति भी बन गए हैं, जो पूरी शिनाख्त के साथ सुरक्षा फ्लीट में शामिल हुए हैं।