Edited By ASHISH KUMAR,Updated: 30 May, 2018 12:26 PM
मंदसौर गोलीकांड को लेकर सरकार किसी भी तरह से जोखिम लेेने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि बंद के पहले खुद सीएम शिवराज सिंह आज मंदसौर पहुंचकर किसानों से बातचीत करेंगे। जिसके कारण मंदसौर, नीमच और रतलाम के विधायकों और जिलाध्यक्षों को भोपाल तलब कर...
भोपाल: मंदसौर गोलीकांड को लेकर सरकार किसी भी तरह से जोखिम लेेने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि सूबे में गांव बंद के पहले खुद सीएम शिवराज सिंह आज मंदसौर पहुंचकर किसानों से बातचीत करेंगे। हालांकि इसके पहले मंदसौर, नीमच और रतलाम के विधायकों और जिलाध्यक्षों को भोपाल तलब कर सरकार पूरे क्षेत्र की रिपोर्ट ले चुकी है। जिसमें किसानों के गुस्से का पता चला था।
दस दिनों की हड़ताल
किसानों द्वारा एक जून से दस जून तक प्रदेश के किसानों ने गांव बंद का ऐलान किया है। बंद के दौरान गांव में उत्पादित होने वाली सब्जियां, अनाज, दूध आदि किसी भी सामान को शहर में लाने पर पाबंदी लगा दी गई है। सूत्रों की माने तो सीएम शिवराज अपने मंदसौर दौरे के दौरान किसानों को मनाने और आंदोलन से बचने के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं।
BJP ने बताया कांग्रेस की साजिश
किसानों के गांव बंद आंदोलन को बीजेपी ने कांग्रेसी की साजिश बताया है। सीएम से लेकर बीजेपी के पदाधिकारियों ने इस आंदोलन की आड़ में लाशों पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का कांग्रेस पर आरोप लगाया है। सीएम ने कहा है कि जितना काम मध्य प्रदेश की सरकार ने किसानों के लिए किया है उतना किसी और प्रदेश की सरकार ने कभी नहीं किया।
नोटिस को लेकर मचा बवाल
मध्यप्रदेश में किसानों के आंदोलन को लेकर एक तरफ सरकार हलकान है, वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा हर रोज एक नई कार्रवाई किसानों के गुस्से को बढ़ाने का काम कर रही है। ताजा मामला किसानों को दिए जा रहे नोटिस को लेकर है। बताया जा रहा है कि प्रस्तावित आंदोलन में किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं करने को लेकर यह नोटिस जारी किया जा रहा है, हालांकि सरकार के इस कदम का किसानों ने कड़ा विरोध भी शुरु कर दिया है। जिसके बाद सूबे के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सफाई दी है कि सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार के बॉन्ड व नोटिस भरने को नहीं कहा गया है।
भारी फोर्स तैयार
किसानों के गुस्से को लेकर सरकार किसी भी प्रकार का जोखिम लेने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए कई जिलों में लाठी, डंडे, वाहन और अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर दी गई है। सरकार ने 35 जिलों में करीब 10 हजार लाठी-डंडे बंटवाए गए हैं इतना ही नहीं करीब 5 हजार अतिरिक्त जवानों को भी तैनात कर दिया गया है।