उज्जैन: भस्म आरती के बाद भक्तों में बांटी जाती है 5 किलो भांग

Edited By Jyoti,Updated: 23 Jul, 2019 06:28 PM

what is the importance of bhasma aarti in sawan month

सावन जिसे भगवान शंकर का अति प्रिय महीना कहा जाता है। 17 जुलाई से इस महीने का आगाज़ हो चुका है। जिसके शुरु होते ही हर तरफ़ इनके जयकारे गूंज रहे हैं।

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सावन जिसे भगवान शंकर का अति प्रिय महीना कहा जाता है। 17 जुलाई से इस महीने का आगाज़ हो चुका है। जिसके शुरु होते ही हर तरफ़ इनके जयकारे गूंज रहे हैं। इस पावन महीने में भोलेनाथ के भक्त उन्हें खुश करने के लिए न जाने क्या कुछ नहीं करते। मान्यता है सावन में भगवान शिव की आराधना करने से जातकों को सब समस्याओं व बाधाओं से मुक्ति मिलती है व जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा हर शिवालयों में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। मगर महाकालेश्वर मंदिर का नज़ारा सावन में देखने लायक होता है। प्रत्येक मंदिर में भगवान की आरती तो होती है मगर यहां होने वाली आरती की बात निराली है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। यहां की सबसे खास बात है यह कि महाकाल के दिनभर में यहां कई प्रकार के श्रृंगार किए जाते हैं। उसी में से एक है भांग का श्रृंगार, जो सिर्फ महाकाल का ही होता है। जिस कारण भूत भावन बाबा महाकाल को भांग प्रिय भी कहा जाता है। बता दें उज्जैन में बाबा के दरबार के बाहर भी भांग के प्रसाद का वितरण होता है। श्रद्धालु इस भांग को बाबा महाकाल के प्रसाद के रूप में सेवन करते हैं। बताया जाता है श्रावण माह में शिव मंदिर में भक्तों की बड़ी संख्या होने के कारण आम दिनों की तुलना में भांग की खपत बढ़ जाती है। आम दिनों में अगर एक दिन में 1 किलो भांग का विक्रय होता है तो श्रावण के महीने में ये आंकड़ा 5 किलो तक पहुंच जाता है। 

इसके अलावा यहां भोलेनाथ की आरती भस्म से होती है। आप लोगों ने बहुत से मंदिरों में शिवलिंग का दूध, दही गंगाजल, शहद आदि से अभिषेक करते हैं मगर महाकालेश्वर में इन सबके साथ-साथ भस्म की आरती होती है। लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है इस बारे में शायद ही कोई जानता होगा।
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तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें-
भस्म में मिल जाएगा इंसान
ये तो सब जानते हैं कि प्रत्येक इंसान एक दिन भस्म में यानि राख में ही मिल जाएगा। इसलिए मान्यता है कि भस्म से भोलेनाथ की पूजा इसलिए की जाती है ताकि हम इसके जरिए भगवान शिव से हमेशा जुड़ा रहे और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सके।
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इनसे हैं शिव जी को प्यार
चूंकि शिव जी को हमेशा से जंगलों और पहाड़ों में रहना पंसद हैं इसलिए उन्हें हमेशा पेड़-पौधे-मिट्टी आदि से अधिक प्यार है। माना जाता है कि भस्म के जरिए इंसान भोलेनाथ के निकट पहुंचने की कोशिश करता है।

भस्म का तिलक
हिंदू धर्म में राख को पवित्र माना जाता है। इसलिए प्राचीन समय में लोग बर्तनों को राख से मांजते थे। ज्योतिष के अनुसार  राख का तिलक करने से इंसान का दिल-दिमाग शुद्ध होता है।
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शक्ति प्रदान करती है भस्म
कहा जाता है भस्म व्यक्ति के अंदर एक अद्भुत शक्ति प्रदान करता है। इसे  धारण करने वाले भगवान शिव से यह संदेश मिलता है हमें परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढाल लेना चाहिए।

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