कहीं मध्यप्रदेश का वुहान न बन जाए इंदौर ?

Edited By Riya bawa,Updated: 17 Apr, 2020 04:21 PM

will indore become the wuhan of madhya pradesh somewhere

देश का सबसे स्वच्छ शहर और मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर इस वक्त कोरोना के कहर से जूझ रहा है। यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या जहां 850 के नजदीक पहुंच ...

इंदौर: देश का सबसे स्वच्छ शहर और मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर इस वक्त कोरोना के कहर से जूझ रहा है। यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या जहां 850 के नजदीक पहुंच गई है, तो वहीं कोरोना के कारण अब तक 47 लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसा एक भी दिन नहीं बीतता, जब दर्जनों लोग इस बीमारी के संक्रमण के शिकार नहीं होते हो, और इसके कारण किसी की जान नहीं जाती हो। इंदौर के इन हालातों को देखकर अब तो यह भी सवाल उठने लगे हैं, कि कहीं इंदौर मध्यप्रदेश का वुहान न बन जाए। 

हालांकि अब जबकि हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं, तो शासन और प्रशासन की उन कवायदों की चर्चा करना लाजमी हो जाता है, जिन्हें इसके खिलाफ अपनाया जा रहा है। वैसे इंदौर में कोरोना के खिलाफ कार्रवाई तो निर्णायक स्तर पर की जा रही है, लेकिन अभी तक जमीन पर उनका विशेष असर नजर नहीं आ रहा। हालांकि इस दौरान प्रशासन कोरोना संक्रमण के सामने आते मामलों को ही अपनी उपलब्धि मान रहा है, और उसके मुताबिक अधिक से अधिक जांच और संदिग्धों को आइशोलेटेड करने के कारण यह तस्वीर नजर आ रही है। आगे से स्थिति में सुधार होगा। 

आखिर क्यों बिगड़े इंदौर के हालात ?
इंदौर में हालात बिगड़ने के पीछे कई कारणों को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसमें राजनीति के कारण प्रशासनिक स्तर पर चूक भी शामिल है, तो कहीं कहीं शहर के लोगों का गैरजिम्मेदाराना रवैया भी इसके पीछे जिम्मेदार है। आइए उन प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं, जिनके कारण इंदौर के हालात यूं बेकाबू होते जा रहे हैं। 

• मध्यप्रदेश की राजनीतिक उठापटक इंदौर में कोरोना संक्रमण के फैलने का कारण।

• पहले ही हालात पर ध्यान दे दिया जाता, तो स्थिति सुधर सकती थी। 

• राजनीतिक अस्थिरता के कारण ही प्रशासन भी ठीक से काम नहीं कर सका। 

• जमातियों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण भी इंदौर में बेकाबू हुए हालात। 

• डॉक्टरों की टीम पर हमला और संक्रमण की जानकारी छिपाना बना परेशानी।

• शहर के लोगों का भी अनियंत्रित व्यवहार भी संक्रमण के पीछे जिम्मेदार। 

• लॉकडाउन के बावजूद रैली निकाली और कई सार्वजनित कार्यक्रम हुए।

• देश और विदेश में इंदौर की बेहतर कनेक्टविटी भी इसके लिए जिम्मेदार।

शहर के सभी लोगों का होगा सर्वे
शहर में बिगड़ते हालातों के बीच इंदौर प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिला कलेक्टर के मुताबिक शहर के सभी 28 लाख लोगों का सर्वे किया जाएगा और उनके अंदर कोरोना के लक्षण की जांच की जाएगी। इसके लिए अगले 7 दिन का समय निर्धारित किया गया है। हालांकि प्रशासन का दावा है, कि आने वाले 10 दिनों में शहर की स्थिति सामान्य हो जाएगी और जल्द से जल्द कोरोना संक्रमण पर लगाम कसनी शुरू हो जाएगी।

 

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