बैंक, आईटी शेयरों में लिवाली से लौटी शेयर बाजार की रौनक

Edited By PTI News Agency,Updated: 11 Dec, 2019 07:34 PM

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मुंबई, 11 दिसंबर (भाषा) नरम वैश्विक संकेतों के बीच बैंकिंग, वाहन तथा सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बुधवार को घरेलू शेयर बाजारों की रौनक लौट आयी।

मुंबई, 11 दिसंबर (भाषा) नरम वैश्विक संकेतों के बीच बैंकिंग, वाहन तथा सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बुधवार को घरेलू शेयर बाजारों की रौनक लौट आयी।

बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में कारोबार के दौरान करीब 330 अंकों का उतार-चढ़ाव रहा। यह अंतत: 172.69 अंक यानी 0.43 प्रतिशत की तेजी के साथ 40,412.57 अंक पर बंद हुआ।

इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 53.35 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की बढ़त लेकर 11,910.15 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी में सर्वाधिक 2.77 प्रतिशत की तेजी रही। इसके बाद ओएनजीसी, टेक महिंद्रा, कोटक बैंक, टीसीएस, एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक और टाटा मोटर्स में 2.28 प्रतिशत तक की तेजी रही।

इनसे इतर येस बैंक में 15.33 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके साथ ही वेदांता, हीरो मोटोकॉर्प, एलएंडटी, भारती एयरटेल और हिंदुस्तान यूनिलीवर में 1.63 प्रतिशत तक की गिरावट रही।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘लगभग पूरे दिन सुस्त कारोबार के बाद समाप्ति के समय बड़ी कंपनियों में लिवाली से बाजार में तेजी लौट आयी। खुदरा मुद्रास्फीति तथा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में उत्साहजनक आंकड़ों का अनुमान कम ही है, जिसके कारण निकट भविष्य में तेजी की संभावनाएं क्षीण हैं।’’
बीएसई के समूहों में यूटिलिटी कंपनियों में सर्वाधिक 1.52 प्रतिशत की बढ़त रही। इसके बाद तेल एवं गैस समूह में 1.13 प्रतिशत, बिजली में 1.12 प्रतिशत, आईटी में 0.97 प्रतिशत, रियल्टी में 0.90 प्रतिशत और वित्त कंपनियों में 0.58 प्रतिशत की तेजी आयी।

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 2019-20 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर बुधवार को 5.1 प्रतिशत कर दिया।

एडीबी एशियाई विकास परिदृश्य 2019 की अनुपूरक रपट में कहा है, ‘‘एक प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के 2018 में डूब जाने से वित्तीय क्षेत्र में जोखिम के उभार तथा ऋण उपलब्धता की तंगी के कारण दक्षिण एशिया में भारत की वृद्धि दर वित्तवर्ष 2019-20 में कम होकर 5.1 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है।’’
उसने कहा, ‘‘इसके साथ ही खराब फसल से ग्रामीण क्षेत्र की बदहाल स्थिति तथा रोजगार की धीमी वृद्धि दर ने उपभोग को प्रभावित किया है। अनुकूल नीतियों के कारण वृद्धि दर के 2020-21 में बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है।’’
इस बीच रुपया 14 पैसे की बढ़त के साथ 70.78 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था।

कच्चा तेल का वायदा 0.40 प्रतिशत लुढ़ककर 64.08 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।

चीन के सामानों पर अमेरिका द्वारा नये शुल्क लगाने की समयसीमा नजदीक आने के कारण वैश्विक स्तर पर निवेशक सतर्क रहे।

एशियाई बाजारों में जापान के निक्की में गिरावट आयी। हालांकि हांग कांग का हैंग सेंग, चीन का शंघाई कंपोजिट और दक्षिण कोरिया का कोस्पी बढ़त में रहा।

शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में ब्रिटेन का लंदन एफटीएसई 0.20 प्रतिशत की गिरावट में चल रहा था। हालांकि जर्मनी का फ्रैंकफर्ट डीएएक्स और फ्रांस का पेरिस सीएसी बढ़त में चल रहा था।


भाषा



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