आईवीएफ गर्भाधान विधि से महाराष्ट्र के एक केंद्र में चार भैंसे से पांच बच्चे

Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Aug, 2020 10:53 PM

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मुंबई, छह अगस्त (भाषा) रेमण्ड समूह की सामाजिक पहल, जे के ट्रस्ट ने बृहस्पतिवार को बताया कि पुणे के पास एक फार्म में आईवीएफ विधि से भैंस के पांच बच्चों (पंड़वा/पड़िया) का पैदा कराने में सफलता मिली है। देश में यह इस तरह की पहली सफलता बतायी गयी...

मुंबई, छह अगस्त (भाषा) रेमण्ड समूह की सामाजिक पहल, जे के ट्रस्ट ने बृहस्पतिवार को बताया कि पुणे के पास एक फार्म में आईवीएफ विधि से भैंस के पांच बच्चों (पंड़वा/पड़िया) का पैदा कराने में सफलता मिली है। देश में यह इस तरह की पहली सफलता बतायी गयी है।

यह सफला भैंसों की नस्ल सुधाने की परियोना का परिणाम है।

जे के ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि पुणे के पास धौंड के सोनवाने भैंस फार्म में चार भैंसों से पांच बच्चों का जन्म हुआ था। देश में आईवीएफ के माध्यम से भैंस के जुड़वां बच्चे पैदा होने का यह पहला मामला है।
ये बछड़े मुर्राह नस्ल के हैं।

इस पहली पहल की प्रणेता गैर सरकारी संस्था जे के बोवाजेनिक्स है। यह संस्था मौजूदा समय में देश भर में 'मवेशी एवं भैंस नस्ल सुधार कार्यक्रम’(कैटल एंड बफेलो ब्रीड इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम) को लागू कर रही है।
रेमण्ड समूह के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गौतम हरि सिंघानिया ने कहा, “मैं आईवीएफ के माध्यम से भैंसों के नस्ल में सुधार के रेमंड ग्रुप के तत्वावधान में जेकेबोवगेनिक्स की सफलता से खुश हूं। यह अपनी तरह की ऐसी पहल है जो हमारे राष्ट्रीय डेयरी उत्पादन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने की क्षमता को बढ़ाती है।’’

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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