Edited By PTI News Agency,Updated: 13 Oct, 2020 08:07 PM
मुंबई, 13 अक्ट्रबर (भाषा) भारत का उसके 10 प्रमुख व्यापारिक भागीदारों से आयात आने वाले महीनों में 21 अरब डालर तक बढ़ सकता है जबकि इन देशों को होने वाले निर्यात में 17 अरब डालर वृद्धि की गुंजाइश है। एक विदेशी बैंक द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट...
मुंबई, 13 अक्ट्रबर (भाषा) भारत का उसके 10 प्रमुख व्यापारिक भागीदारों से आयात आने वाले महीनों में 21 अरब डालर तक बढ़ सकता है जबकि इन देशों को होने वाले निर्यात में 17 अरब डालर वृद्धि की गुंजाइश है। एक विदेशी बैंक द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह कहा गया।
स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक ने अपने अध्ययन में कहा है कि अमेरिका, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और ब्रिटेन से आयात में वृद्धि की बेहतर संभावनायें हैं। भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार अमेरिका से ही अकेले 5.7 अरब डालर का आयात बढ़ने की संभावनायें हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्थायें और कारोबार कोविड- 19 महामारी के प्रभाव से उबरने के प्रयास में है, ऐसे में व्यापार बढ़ाने की नई संभावनाओं के साथ नये बाजार और नये क्षेत्र सामने आयेंगे।
इसमें कहा गया है कि भारत सरकार विशेषतौर से विनिर्माण के मोर्चे पर उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पेश कर निर्यात बढ़ाने के तरीके तलाश रही है। भारत चीन से आगे बढ़कर नये अवसरों को देखने वाले कारोबार को बेहतर प्रोत्साहन देने का प्रयास कर रहा है।
स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक के भारत और दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक और व्यापार प्रमुख गौरव भटनागर ने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों के दौरान भारत और दुनिया के उद्यमियों ने अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना किया है। आने वाले समय में उन्हें वृद्धि के नये अवसरों की तलाश करने की जरूरत होगी और उन्हें नई क्षमता खड़ी करनी होगी।’’
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक निर्यातकों के लिये 21.1 अरब डालर की संभावनाओं की पेशकश करता है जबकि भारत के निर्यातकों के लिये उसके महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदारों में 16.8 अरब डालर की निर्यात संभावनायें पैदा होंगी।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय व्यवसायियों के लिये थाइलैंड और जर्मनी निर्यात संभावनाओं के लिहाज से सबसे बड़े बाजार हैं। इन देशों में 2.6 अरब डालर की निर्यात संभावना होगी। वहीं वृद्धि के लिहाज से थाइलैंड में सबसे बेहतर संभावना है जहां मौजूदा निर्यात के 48 प्रतिशत अवसर उपलब्ध हैं। इसके बाद इंडोनेशिया का स्थान आता है जहां 26 प्रतिशत और मलेशिया में मौजूदा निर्यात के 25 प्रतिशत तक निर्यात की संभावनायें उपलब्ध हैं।
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