Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Oct, 2020 02:00 PM
मुंबई, 23 अक्टूबर (भाषा) फेडरल बैंक ने आशंका जताई है कि अगर आर्थिक दशाओं में सुधार नहीं हुआ तो अगली दो तिमाहियों के दौरान छोटे व्यवसायों और खुदरा उधार लेने वालों के फंसे हुए कर्जों (एनपीए) में सामान्य के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ोतरी हो सकती...
मुंबई, 23 अक्टूबर (भाषा) फेडरल बैंक ने आशंका जताई है कि अगर आर्थिक दशाओं में सुधार नहीं हुआ तो अगली दो तिमाहियों के दौरान छोटे व्यवसायों और खुदरा उधार लेने वालों के फंसे हुए कर्जों (एनपीए) में सामान्य के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।
बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी श्याम श्रीनिवासन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अगर अर्थव्यवस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी रही तो आमतौर पर प्रति तिमाही 300-350 करोड़ रुपये के ताजा चूक के मुकाबले ये दर 30 प्रतिशत से अधिक हो सकती है।
उन्होंने बताया कि 300 करोड़ रुपये चूक का यह आंकड़ा कॉरपोरेट कर्जों को छोड़कर है, और यह स्पष्ट किया कि ऐसा कोई भी बड़ा कॉरपोरेट ऋण नहीं है, जिसके एनपीए में जाने की आशंका हो।
बैंक ने सितंबर तिमाही के दौरान तीन करोड़ रुपये के चूक की घोषणा की थी, साथ ही उसके कहा कि यदि राहत उपाए न किए गए होते तो यह आंकड़ा 237 करोड़ रुपये का होता। बैंक ने अधिक एनपीए होने की स्थिति में प्रावधन के लिए अलग से धन का इंतजाम भी किया था।
चूक में बढ़ोतरी की आशंका पर श्रीनिवासन ने कहा कि हो सकता है कि खुदरा, कृषि क्षेत्र और छोटे व्यवसायों में कई खाते भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा घोषित एकमुश्त पुनर्गठन ढांचे के तहत निर्धारित मानदंडों को पूरा करने में सक्षम न हों।
उन्होंने कहा कि बैंक इस तरह की चूक की पहचान करने में रहेगा और एनपीए बढ़ने के साथ ही प्रावधान के रूप में धन अलग रखेगा, जिसके चलते ऋण की लागत में बढ़ोतरी हो सकती है।
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