Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Nov, 2020 12:13 AM
मुंबई, 24 नवंबर (भाषा) मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को सरकार के 2030 तक कुल वाहनों में 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के लक्ष्य को देखते हुए अगले पांच से सात साल में ईवी के लिये करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये के पूंजी व्यय की जरूरत होगी।
मुंबई, 24 नवंबर (भाषा) मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को सरकार के 2030 तक कुल वाहनों में 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के लक्ष्य को देखते हुए अगले पांच से सात साल में ईवी के लिये करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये के पूंजी व्यय की जरूरत होगी।
परामर्श सेवा देने वाली ब्रिकवर्क्स एनालिटिक्स (बीडब्ल्यूए) ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह कहा।
बीडब्ल्यूए के अनुसार मॉडल पेश किये जाने तथा मौजूदा मॉडल को बेहतर बनाने के संदर्भ में क्षमता बढ़ाने को लेकर ओईएम का फिलहाज पूंजी व्यय करीब 25,000 से 30,000 रुपये सालाना है।
‘लॉकडाउन’से प्रभावित वाहन क्षेत्र में हाल में सुधार के संकेत दिखे हैं। इसका मुख्य कारण लंबे समय के बाद लोगों का खर्च के लिये आगे आना है। खासकर त्योहरों के दौरान मांग में और तेजी आयी।
हालांकि चिंता की बात यह है कि निवेश अभी उतना नहीं किया जा रहा है जितना की जरूरत है। खासकर ऐसे सयम जब सरकार 2030 तक सड़कों पर चलने वाले कुल वाहनों में 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन का लक्ष्य हासिल करने के लिये नीतिगत पहल के तहत ईवी को बड़े स्तर पर बढ़ावा दे रही है।
रिपोर्ट के अनुसार ईवी के प्रतिस्पर्धी स्तर तथा वैश्विक पैमाने पर विनिर्माण के लिये क्षमता तैयार करने की जरूरत होगी। इसके लिये शुरूआती चरण में पूंजी व्यय महत्वपूर्ण है।
बीडब्लयूए ने कहा कि सरकार के लक्ष्य के अनुरूप स्वयं को तैयार करने के लिये ओईएएम को अगले पांच से सात साल में केवल ईवी के लिये करीब 3.5 लाख रुपये पूंजी व्यय की जरूरत होगी।
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