बड़ी कंपनियों दबाव में गिरे शेयर बाजार, साप्ताहिक आधार पर दर्ज की तेजी

Edited By PTI News Agency,Updated: 27 Nov, 2020 05:50 PM

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मुंबई, 27 नवंबर (भाषा) वैश्विक बाजारों की तेजी के बाद भी शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार गिरावट में रहे। सुस्त कारोबार में बड़ी कंपनियों की गिरावट ने घरेलू सूचकांकों के प्रदर्शन पर असर डाला। रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी)...

मुंबई, 27 नवंबर (भाषा) वैश्विक बाजारों की तेजी के बाद भी शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार गिरावट में रहे। सुस्त कारोबार में बड़ी कंपनियों की गिरावट ने घरेलू सूचकांकों के प्रदर्शन पर असर डाला। रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही। हालांकि कुल मिला कर साप्ताहिक आधार पर घरेलू शेयर बाजारों ने बढ़त दर्ज की।

कारोबारियों ने कहा कि दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जारी होने से पहले निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं।

बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 110.02 अंक यानी 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 44,149.72 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 18.05 अंक यानी 0.14 प्रतिशत फिसलकर 12,968.95 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की कंपनियों में पावरग्रिड कॉरपोरेशन में सर्वाधिक 2.63 की गिरावट रही। इसके बाद एचसीएल टेक, ओएनजीसी, एमएंडएम, एक्सिस बैंक, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और इंफोसिस का स्थान रहा।

दूसरी ओर, एशियन पेंट्स, टाइटन, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस और बजाज ऑटो जैसे शेयर 2.85 प्रतिशत तक की बढ़त में रहे।

सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 267.47 अंक यानी 0.60 प्रतिशत की और निफ्टी में 109.90 अंक यानी 0.85 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी।

एस्ट्राजेनेका के संभावित कोविड टीके के परीक्षण के आंकड़ों पर उठ रहे सवालों के बीच वैश्विक बाजार मुख्यत: बढ़त में रहे।

रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा कि ज्यादातर एशियाई बाजारों ने शुरुआती गिरावट के बाद वापसी की। भारतीय सूचकांक पूरे कारोबार के दौरान नरमी में रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों में मजबूत खरीदारी दिखी। मुख्य सूचकांक की कंपनियों के अधिक मूल्यांकन के चलते मिडकैप शेयर निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं।’’
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आज का बाजार दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों तथा कोविड-19 के टीके की प्रभावशीलता से जुड़ी अनिश्चितता से प्रभावित हुआ। भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सुधार धीमा रहने का अनुमान जताया जा रहा है।’’
बीएसई के समूहों में ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, आईटी और दूरसंचार के सूचकांक 1.06 प्रतिशत तक लुढ़क गये, जबकि रियल्टी, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, वाहन, उपयोगिताओं और स्वास्थ्य सेवा कंपनियों के वर्ग के सूचकांक बढ़त में बंद हुए।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 2.40 प्रतिशत तक की तेजी रही।

एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कोस्पी में बढ़त में रहे।

यूरोपीय बाजार शुरुआती कारोबार में बढ़त में चल रहे थे।

इस बीच कच्चा तेल के अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.67 प्रतिशत की बढ़त के साथ 48.11 डॉलर प्रति बैरल पर था।

रुपया की पांच लगातार दिनों की तेजी पर शुक्रवार को लगाम लग गयी। रुपया 17 पैसे गिरकर 74.05 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

शेयर बाजारों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) शुद्ध लिवाल बने रहे। एफपीआई ने 2,027.31 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की।




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