Edited By PTI News Agency,Updated: 07 Feb, 2021 05:17 PM
मुंबई, सात फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार बजट में घोषित बैंक निजीकरण योजना के कार्यान्वयन के लिये रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम करेगी।
मुंबई, सात फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार बजट में घोषित बैंक निजीकरण योजना के कार्यान्वयन के लिये रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम करेगी।
उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि सरकार के पास बैंकों में अपनी हिस्सेदारी के प्रबंधन के लिये कोई बैंक निवेश कंपनी के गठन की योजना नहीं है।
पिछले सप्ताह पेश केंद्रीय बजट में सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की। हालांकि बैंक यूनियनों ने इस कदम का विरोध किया है।
प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘विस्तृत प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है। मैंने घोषणा की है। हम आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’
हालांकि, उन्होंने इस बारे में बताने से इनकार किया कि किस या किन बैंकों को बिक्री के लिये चुना जा रहा है। उन्होंने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम आपको बतायेंगे, जब सरकार बताने के लिये तैयार होगी।’’
सीतारमण ने बैड बैंक के बारे में कहा कि सरकार को राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) के लिए कुछ गारंटी देनी पड़ सकती है। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि यह एक ऐसा समाधान है, जो बैंकों ने ही पेश किया है और वही इसकी अगुवाई भी करेंगे।
सीतारमण ने आरोप लगाया कि बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां पहले के कुप्रबंधन की विरासत हैं। उन्होंने कहा कि अब फोन बैंकिंग नहीं हो रही है और नयी दिल्ली से मदद नहीं मांगी जा रही है।
बैंक निवेश कंपनी पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी कोई चर्चा नहीं है। मुझे नहीं पता कि यह बात कहां से आ रही है। कम से कम यह मेरे सामने नहीं है। मैं इस पर चर्चा नहीं कर रही हूं।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को पेशेवर बनाने की आवश्यकता है और सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है। मंत्री ने यह भी कहा कि बैंक धीरे-धीरे जोखिम से बाहर निकल रहे हैं।
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