Edited By PTI News Agency,Updated: 06 May, 2021 11:14 PM
मुंबई, छह मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (एनएआरसी) के गठन की अगुवाई करेंगे लेकिन रुग्न सपत्ति समाधान मंच यानी बैड बैंक को निजी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के समर्थन की जरूरत होगी। भारतीय स्टेट...
मुंबई, छह मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (एनएआरसी) के गठन की अगुवाई करेंगे लेकिन रुग्न सपत्ति समाधान मंच यानी बैड बैंक को निजी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के समर्थन की जरूरत होगी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक स्वामीनाथन जे ने बृहस्पतिवार को यह कहा।
अगर सभी बैंक एक साथ आते हैं, तो बजट में घोषित एनएआरसी सभी रुग्ण कंपनियों के बकाया कर्ज को एक साथ लाने में सक्षम होगी। इससे अंतत: सभी के लिये दबाव वाली संपत्ति का गुणवत्ता सुधारने का रास्ता साफ होगा।
सरकार ने एनएआरसी या बैड बैंक की रूपरेखा की घोषणा अबतक नहीं की है। केवल इतना कहा है कि वह मंच की मदद के लिये कुछ सरकारी गारंटी उपलब्ध कराने को इच्छुक है।
‘ऑनलाइन’ आयोजित सेमिनार में स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘इस मॉडल की सफलता के लिये सभी बैंकों का सहयोग जरूरी है। यह सही है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की अग्रणी भूमिका होगी लेकिन इस समय जो हमारी समझ है, उसके अनुसार एनएआरसी में व्यापक भागीदारी होगी। यह पीएसबी, निजी क्षेत्र के बैंकों और उन वित्तीय संस्थानों को जोड़ेगा जिन्होंने कर्ज दे रखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम बैड बैंक को वास्तविक रूप देने के काफी करीब हैं। और दोहरा ढांचा यानी संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के साथ संपत्ति प्रबंधन कंपनी की भूमिका मददगार होगी।’’
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