Edited By PTI News Agency,Updated: 31 Jul, 2021 06:08 PM
मुंबई, 31 जुलाई (भाषा) जॉब साइट साईकी मार्केट नेटवर्क के एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि उनके पास जो कौशल है और उन्हें वास्तव में अपना काम करने के लिए जो कौशल चाहिए, दोनों के बीच एक अंतर है।
मुंबई, 31 जुलाई (भाषा) जॉब साइट साईकी मार्केट नेटवर्क के एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि उनके पास जो कौशल है और उन्हें वास्तव में अपना काम करने के लिए जो कौशल चाहिए, दोनों के बीच एक अंतर है।
सर्वेक्षण में शामिल लोगों से बात करने पर पता चला कि 70 प्रतिशत पेशेवरों को लगता है कि उनका संगठन या तो पहले से ही कौशल की कमी की समस्या का सामना कर रहा है या अगले दो-तीन वर्षों में यह एक बड़ी चुनौती के तौर पर उसके सामने आएगा।
अध्ययन में कहा गया है कि केवल 10 प्रतिशत पेशेवरों ने महसूस किया कि उन्होंने अपने शिक्षण संस्थानों में जो ज्ञान हासिल किया है, उसका उन्हें इस समय लाभ मिल रहा है।
यह अध्ययन आईटी/आईटी सेवाओं, वित्त, एफएमसीजी, और अन्य सहित कई उद्योगों के 2,500 से अधिक पेशेवरों पर किए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है।
अध्ययन के अनुसार 35 प्रतिशत कर्मचारियों ने महसूस किया कि कौशल की कमी से व्यापार इकाइयों को राजस्व का नुकसान हो सकता है, जबकि 45 प्रतिशत ने यह भी कहा कि इससे काम की गुणवत्ता खराब होती है।
इसके अलावा, 70 प्रतिशत पेशेवरों ने कहा कि यह व्यवसाय की उत्पादकता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है जबकि 40 प्रतिशत ने कहा कि यह व्यवसाय के विस्तार को रोक सकता है।
साइकी मार्केट नेटवर्क के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) करुणजीत कुमार धीर ने कहा, "कौशल में अंतर में वृद्धि से रोजगार बाजार पर काफी असर पड़ा है और नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों दोनों के लिए ही चुनौतियां पैदा हुई हैं। इसलिए इस समस्या पर ध्यान देना काफी जरूरी है।"
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