Edited By PTI News Agency,Updated: 03 Dec, 2021 06:45 PM
मुंबई, तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच नवंबर 2021 को खत्म हुए पखवाड़े में बैंकों में जमा राशि में 3.3 लाख करोड़ रुपये की भारी वृद्धि और उसके अगले पखवाड़े में 2.7 लाख करोड़ रुपये की बड़ी गिरावट की...
मुंबई, तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच नवंबर 2021 को खत्म हुए पखवाड़े में बैंकों में जमा राशि में 3.3 लाख करोड़ रुपये की भारी वृद्धि और उसके अगले पखवाड़े में 2.7 लाख करोड़ रुपये की बड़ी गिरावट की वजह आईपीओ में प्रत्याशित तेजी और उसके बाद के हफ्तों में खराब प्रदर्शन हो सकता है।
3.3 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि पिछले पिछले 24 वर्षों में पांचवीं सबसे बड़ी पाक्षिक वृद्धि थी।
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिवाली सप्ताह के दौरान इतनी बड़ी जमा वृद्धि कभी नहीं हुई क्योंकि हमेशा मुद्रा रिसाव होता है और सहवर्ती जमा में गिरावट होती है, और यह 1997 के बाद से पिछले 24 वर्षों में किसी भी पखवाड़े में हुई पांचवीं सबसे बड़ी वृद्धि है। 19 नवंबर को खत्म हुए पखवाड़े में जमा राशि में 2.69 लाख करोड़ रुपये की गिरावट भी 1997 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।
बैंकों की जमा राशि में इतनी बड़ी वृद्धि केवल कुछ ही बार हुई है। 25 नवंबर, 2016 को खत्म हुए पखवाड़े में नोटबंदी के बाद 4.16 लाख करोड़ रुपये जमा किए गए थे। इसके अलावा 26 सितंबर, 2016 को खत्म हुए पखवाड़े में 3.55 लाख करोड़ रुपये, 29 मार्च 2019 को खत्म हुए पखवाड़े में 3.46 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी जबकि एक अप्रैल, 2016 को खत्म हुए पखवाड़े में 3.41 लाख करोड़ रुपये डाले गए थे।
स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने शुक्रवार को एक नोट में कहा कि नवंबर 2016 में जमा राशि में हुई वृद्धि नोटबंदी के कारण थी। उसी साल मार्च एवं अप्रैल में हुई पाक्षिक वृद्धि के लिए मौसमी उछाल को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
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