Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Dec, 2021 03:11 PM
मुंबई, पांच दिसंबर (भाषा) कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ की चिंताओं के बीच मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने रिजर्व बैंक से रिवर्स रेपो दर में बढ़ोतरी से बचने को कहा है। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों...
मुंबई, पांच दिसंबर (भाषा) कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ की चिंताओं के बीच मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक से पहले एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने रिजर्व बैंक से रिवर्स रेपो दर में बढ़ोतरी से बचने को कहा है। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि केंद्रीय बैंक को फिलहाल तरलता की स्थिति को सामान्य करने के लिए कदम नहीं उठाने चाहिए और अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए और समय देना चाहिए।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रिवर्स रेपो दर को यथावत रखने से मौजूदा आर्थिक पुनरुद्धार को और मजबूत करने के लिए अधिक समय मिलेगा।
एसबीआई रिसर्च ने एक नोट में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अभी तक अन्य उपायों के माध्यम से अतिरिक्त तरलता को कम करने की कोशिश कर रहा है।
नोट में इसके अलावा कहा गया कि रिवर्स रेपो के माध्यम का उपयोग केवल मौद्रिक नीति की घोषणा तक ही सीमित नहीं होना चाहिए।
एसबीआई समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने नोट में कहा कि स्थिति में अभी भी सुधार हो रहा है और आठ दिसंबर को अगली नीतिगत घोषणा में रिवर्स रेपो दरों को यथावत रखा जाना चाहिए।
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