Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Aug, 2022 08:31 PM
मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) प्रवासी भारतीय (एनआरआई) अब भारत में अपने परिवार के सदस्यों की ओर से भारत बिल भुगतान प्रणाली के जरिये बिजली, पानी जैसी सुविधाओं और स्कूल, कॉलेज की फीस का भुगतान कर सकेंगे।
मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) प्रवासी भारतीय (एनआरआई) अब भारत में अपने परिवार के सदस्यों की ओर से भारत बिल भुगतान प्रणाली के जरिये बिजली, पानी जैसी सुविधाओं और स्कूल, कॉलेज की फीस का भुगतान कर सकेंगे।
भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) से बिल भेजने वाली करीब 20,000 इकाइयां जुड़ी हैं। इस प्रणाली पर मासिक आधार पर लगभग आठ करोड़ लेनदेन होते हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि बीबीपीएस ने भारत में प्रयोगकर्ताओं के बिल भुगतान के अनुभव को बदला है। अब इसमें सीमापार से बिल भुगतान की प्रणाली को भी शुरू किया जा रहा है।
गवर्नर ने कहा, ‘‘इससे एनआरआई भारत में अपने परिवारों की ओर से बिजली, पानी के बिलों का भुगतान कर सकेंगे। साथ ही इसके जरिये वह शिक्षा से जुड़े शुल्कों का भी भुगतान कर पाएंगे।’’
दास ने कहा कि इससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को काफी फायदा होगा।
केंद्रीय बैंक ने बयान में कह कि इस फैसले से बीबीपीएस मंच से जुड़े अन्य बिल भेजने वाली इकाइयों के बिलों का भी भुगतान किया जा सकेगा।
केंद्रीय बैंक जल्द इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी करेगा।
दास ने मुंबई इंटरबैंक आउटरेट रेट (मिबोर) आधारित ‘ओवरनाइट इंडेक्स स्वैप’ (ओआईएस) अनुबंधों के लिये वैकल्पिक मानक दर तय करने की संभावना के अध्ययन को एक समिति के गठन की भी घोषणा की है। इसका विदेशी बाजार में ब्याजदर डेरिवेटिव्स (आईआरडी) के रूप में व्यापक इस्तेमाल होता है।
रिजर्व बैंक द्वारा भागीदारों के आधार में विविधता और नए आईआरडी मध्यमों के लिए कदम उठाने से मिबोर आधारित डेरिवेटिव अनुबंध का इस्तेमाल बढ़ा है।
इसके अलावा, रिजर्व बैंक ने एकल प्राथमिक डीलरों (एसपीडी) को सीधे प्रवासी भारतीयों और अन्य से विदेशी मुद्रा निपटान ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप (एफसीएस-ओआईएस) लेनदेन की अनुमति दे दी है।
वर्तमान में एकल प्राथमिक डीलरों को सीमित उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार करने की अनुमति है। एसपीडी में बैंक आदि आते हैं। इस साल फरवरी में बैंकों को विदेशी एफसीएस-ओआईएसबाजार में प्रवासियों और अन्य से लेनदेन की अनुमति दी गयी थी।
इस बीच दास ने दोहराया कि डिजिटल ऋण को लेकर ज्यादतर धोखाधड़ी एप्लिकेशन से सम्बंधित मामलों में हो रही है जो कि नियामकीय दायरे में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई जल्द ही ऐसे मंचों के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा।
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