Edited By PTI News Agency,Updated: 10 Aug, 2022 10:08 AM
मुंबई, नौ अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री आवास योजना की 2015 में शुरुआत के बाद से घरों के स्वामित्व में एक आमूलचूल बदलाव आया है। इस योजना के तहत बने 123 लाख घरों में से 94 लाख घर या तो महिलाओं के नाम पर हैं या संयुक्त रूप से उनका स्वामित्व है। एक...
मुंबई, नौ अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री आवास योजना की 2015 में शुरुआत के बाद से घरों के स्वामित्व में एक आमूलचूल बदलाव आया है। इस योजना के तहत बने 123 लाख घरों में से 94 लाख घर या तो महिलाओं के नाम पर हैं या संयुक्त रूप से उनका स्वामित्व है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
सभी जरूरतमंदों के लिए घर सुनिश्चित करने के लिए 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) शुरू की गई थी।
तब से 123 लाख ऐसे घरों को मंजूरी दी गई। इनमें से वित्त वर्ष 2021-22 तक 101 लाख इकाइयों पर काम शुरू हो चुका है और 61 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है।
इन 123 लाख घरों में से 94 लाख घऱ महिलाओं के नाम पर हैं या संयुक्त रूप से उनका स्वामित्व हैं। इस योजना पर एसबीआई शोध अध्ययन से यह जानकारी मिली।
सरकार ने 123 लाख घरों को केंद्रीय सब्सिडी में 2.03 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। लक्ष्य के अनुसार, वर्ष 2022 तक दो करोड़ घर बनाने के लिए कुल 8.31 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी था।
स्वीकृत कोष में 1.20 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता वित्त वर्ष 2021-22 तक जारी की जा चुकी है।
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