Edited By ,Updated: 22 Mar, 2016 03:47 PM
होलीका दहन फाल्गुण मास की पूर्णिमा को किया जाता है। साल 2016 में यह पर्व 23 मार्च बुधवार को पड़ रहा है। पंजाब केसरी के लेखक पंडित ज्योतिषाचार्य श्री कमल नंद लाल जी के अनुसार इस बार होलीका दहन पर्व पर संकटों के बादल छाए हुए हैं क्योंकि होलिका दहन जैसे
होलीका दहन फाल्गुण मास की पूर्णिमा को किया जाता है। साल 2016 में यह पर्व 23 मार्च बुधवार को पड़ रहा है। पंजाब केसरी के लेखक पंडित ज्योतिषाचार्य श्री कमल नंद लाल जी के अनुसार इस बार होलीका दहन पर्व पर संकटों के बादल छाए हुए हैं क्योंकि होलिका दहन जैसे शुभ पर्व पर अशुभ राहू-केतू चन्द्रमा को ग्रहण लगा रहे हैं। पूर्णिमा होने के कारण ये पर्व चन्द्रमा को संबोधित करता है और इसी दिन चन्द्र ग्रहण भी पड़ रहा है। जिसके कारण हर राशि के व्यक्ति की आर्थिक स्थिती पर अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि चन्द्रमा कुण्डली में धन और पारिवारिक सुख का कारक है। जिस पर ग्रहण लगने से सभी राशियों की तिजोरी खाली हो सकती है तथा कई जातकों के पारिवारिक जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है।
भारत की राजधानी नई दिल्ली रेखांश और अक्षांश अनुसार चन्द्र ग्रहण शाम को 3 बजकर 11 मिनट 16 सैकेण्ड पर आरंभ होकर रात्रि 7 बजकर 24 मिनट और18 सेकेण्ड पर खत्म होगा। जिसका की मूल प्रभाव शाम 5 बजकर 17 मिनट और 47 सेकेण्ड तक रहेगा।
रखें कुछ सावधानियां
- ग्रहण के दिन किसी को भी उधार न दें।
- ग्रहण लगने से पहले जितना पैसा चाहिए उतना पैसा निकाल कर अलग से रख लें।
- तिजोरी को सफेद कपड़े से ढ़क कर रखें।
- एक चांदी का चौकोर टुकड़ा गंगा जल में डालकर घर की उत्तर पश्चिम दिशा में स्थापित कर दें।
- ग्रहण काल में तिजोरी को स्पर्श न करें।
- नारियल, बादाम और 2 रूपए का सिक्का किसी गरीब को ग्रहण काल में भेंट कर दें।
- लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें।