Edited By ,Updated: 23 Oct, 2016 03:48 PM
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतू ग्रहों के बीच अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है। कुंडली में कालसर्प योग
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतू ग्रहों के बीच अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है। कुंडली में कालसर्प योग के शुभ अौर अशुभ दोनों प्रकार के प्रभाव हो सकते हैं। कुंडली में कालसर्प योग के कारण मानसिक दुर्बलता, घर में प्रतिदिन कलह, नौकरी में बाधांएं आदि समस्याएं आती हैं। कालसर्प के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए जानिए कुछ उपाय-
* किसी भी शुभ तिथि को सुबह उठकर स्नानादि कार्यो से निवृत होकर शिवालय में जाकर शिवलिंग पर तांबे का नाग अर्पित करें।
* नाग-नागिन का जोड़ा खरीद कर उसे नदी में बहा दें। इसके साथ ही इष्टदेव से कालसर्प के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
* प्रतिदिन शिवलिंग पर तांबे के लोटे में जल लेकर अर्पित करें। जल अर्पित करते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। मंत्र जप की संख्या 108 होना शुभ होता है।
* कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
* हर शनिवार काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। यदि काला कुत्ता न मिले तो दूसरे रंग के कुत्ते को भी खिला सकते हैं।
* गरीब को काला कंबल, काली उदड़ की दाल का दान करें। गरीबों की मदद करें उनका अनादर कदापि न करें।