Edited By ,Updated: 01 Aug, 2015 10:05 AM
स्तनपान बच्चे के स्वास्थ्य, विकास, पोषण तथा अस्तित्व के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है । आज संगठित तथा गैर-संगठित सैक्टरों में बहुत-सी महिलाएं घर से बाहर जाकर काम करने लगी हैं । इसके साथ ही स्तनपान करवाने में उनके सामने आने ......
स्तनपान बच्चे के स्वास्थ्य, विकास, पोषण तथा अस्तित्व के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है । आज संगठित तथा गैर-संगठित सैक्टरों में बहुत-सी महिलाएं घर से बाहर जाकर काम करने लगी हैं । इसके साथ ही स्तनपान करवाने में उनके सामने आने वाली समस्याओं में भी बढ़ौतरी हो रही है । ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि एक ऐसी प्रणाली बनाई जाए जिससे वे कार्य करते हुए भी स्तनपान करवा सकें ।
स्तनपान का महत्व
अध्ययनों से पता चला है कि बच्चे के जन्म के पहले घंटे के अंदर-अंदर स्तनपान करवाने से नवजन्मे बच्चों की मृत्यु दर में 22 प्रतिशत की कमी होती है । इसी प्रकार 6 महीने तक लगातार स्तनपान करवाने से बच्चों में डायरिया तथा निमोनिया जैसी बीमारियों से होने वाली मृत्यु से बचाव होता है । बहुत से ऐसे प्रमाण भी उपलब्ध हैं कि अधिक स्तनपान करवाने से कुपोषण के साथ-साथ बच्चे के वजन बढ़ने तथा मोटापे जैसी समस्याएं भी कम होती हैं ।
एक हालिया अध्ययन में यह दिखाया गया है कि स्तनपान करने वाले बच्चे का आईक्यू लैवल ऊंचा होता है, वह शिक्षा में आगे रहता है और जीवन में आगे चल कर उसमें अधिक कमाई करने की योग्यता पैदा होती है ।कार्यस्थल पर महिलाओं के स्तनपान को उत्साहित करने के लिए विश्व स्तर पर विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है । इस वर्ष इस का थीम है ‘ब्रैस्टफीडिंग एंड वर्क : लैट्स मेक इट वर्क’ ।