वंदे भारत एक्सप्रेस ने पूरे किए 1 लाख किलोमीटर, जानिए आगे क्या है योजना

Edited By Yaspal,Updated: 18 May, 2019 07:19 PM

1 lakh kilometers completed by vande bharat express know what is next plan

भारतीय रेल की स्वदेशी तकनीक से विकसित सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस ने 90 दिनों में एक लाख किलोमीटर के सफर का आंकड़ा पार कर लिया है और इस तरह से इस क्षेत्र में अपनी तकनीकी श्रेष्ठता साबित कर दी है। रेलवे बोर्ड के एक आला अधिकारी ने बताया...

नई दिल्लीः भारतीय रेल की स्वदेशी तकनीक से विकसित सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस ने 90 दिनों में एक लाख किलोमीटर के सफर का आंकड़ा पार कर लिया है और इस तरह से इस क्षेत्र में अपनी तकनीकी श्रेष्ठता साबित कर दी है। रेलवे बोर्ड के एक आला अधिकारी ने बताया कि गत 15 मई को वंदे भारत एक्सप्रेस ने एक लाख किलोमीटर का आंकड़ा पार किया। बुधवार 15 मई को 64वें फेरे में इस गाड़ी ने एक लाख किलोमीटर का सफर पूरा किया।
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अधिकारी के मुताबिक यह भारतीय रेल की तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक और देश की गौरवपूर्ण उपलब्धि है। आजाद भारत के इस पहले स्वदेशी ट्रेन सेट को नयी दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाया जा रहा है। यह गाड़ी सप्ताह में सोमवार एवं गुरुवार को छोड़कर पांच दिन चलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 15 फरवरी को इसका शुभारंभ किया था और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नयी दिल्ली से वाराणसी तक यात्रा की थी। ट्रेन का वाणिज्यिक परिचालन 17 फरवरी से शुरू हुआ था। 16 कोच वाली इस ट्रेन में एग्जीक्यूटिव श्रेणी के दो कोच हैं जिनमें 52-52 यात्री बैठ सकते हैं। जबकि हर चेयरकार में 78 सीटें हैं।
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अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को 65 फेरों की कुल यात्रा में यह ट्रेन नियत समय पर चली और अक्सर अपने गंतव्य पर समय से पहले ही पहुंची। गाड़ी ने सर्दी गर्मी हर मौसम में भारतीय रेल की पुरानी पटरियों पर नई सदी के परिवहन की तकनीकी दक्षता साबित की है। उन्होंने बताया कि चेन्नई के इंटीग्रल कोच कारखाने में वंदे भारत एक्सप्रेस का दूसरा सेट तैयार हो गया है और इसी माह उसे दिल्ली लाया जा रहा है। नई सरकार के बनने पर उसे नये मार्ग पर चलाया जायेगा।
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अधिकारी के मुताबिक पहले सेट में यात्रियों के फीडबैक के आधार पर नये सेट में कई बदलाव किये गये हैं। पैन्ट्री के लिए अतिरिक्त जगह बनाई गई है। वायरिंग को सुद्दढ़ किया गया है। चेयरकार में सीटों को अधिक आरामदेह बनाया गया है। पथराव की घटनाओं को देखते हुए खिड़कियों के शीशे पर विशेष कोटिंग की गयी है। भारतीय रेल के इंजीनियरों ने डेढ़ साल के रिकॉर्ड समय में दुनिया का सबसे सस्ता ट्रेन सेट ‘ट्रेन 18' तैयार किया है। यह गाड़ी 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। जबकि इसका 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर सफल परीक्षण किया गया है।

 

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