Edited By vasudha,Updated: 22 Oct, 2018 05:01 PM
चीन भले ही दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में अव्वल हो, पर भारत में भी हालात कुछ ठीक नहीं हैं। तकरीबन 130 करोड़ की आबादी वाले देश में दुनिया के टॉप 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर हैं। यह रिपोर्ट तब सामने आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी...
नेशनल डेस्क: चीन भले ही दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में अव्वल हो, पर भारत में भी हालात कुछ ठीक नहीं हैं। तकरीबन 130 करोड़ की आबादी वाले देश में दुनिया के टॉप 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर हैं। यह रिपोर्ट तब सामने आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ रही है।
बीमारियों से मर रहे लोग
इन 10 सबसे प्रदूषित शहरों के नाम हैं- कानपुर, फरीदाबाद, गया, वाराणसी, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, गुडग़ांव और मुजफ्फरनगर। नई दिल्ली से बाहर रहने वाली कुसुम मलिक तोमर को अपनी बीमारी के बाद पता चला कि वह जहरीली हवा में सांस ले रही है। उनके फेफड़े में कैंसर था, हालांकि कुसुम ने कभी भी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया था। इसके बावजूद इस बीमारी ने उन्हें घेर लिया। कुसुम के इलाज के लिए उसके पति ने जमीन तक बेच दी। तोमर ने कहा कि सरकार देश की आर्थिक बढ़ोत्तरी के बारे में सोच तो रही है, लेकिन लोग बीमारियों से मर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि आप आर्थिक तौर पर कैसे बढ़ सकते हैं, जब आपके अपने देश में आपके नागरिक वायु प्रदूषण की वजह से आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं?
हर साल लाखों लोग हो रहे शिकार
डब्लयूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 70 लाख लोग प्रदूषित वातावरण में मौजूद महीन कणों के संपर्क में आने की वजह से मारे जाते हैं। ये कण उनके फेफड़ों और कार्डियोवेस्कुलर सिस्टम में समा जाते हैं, जिसके चलते दिल का दौरा, फेफड़े की बीमारियां और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं। इसमें यह भी कहा गया कि प्रदूषण की वजह से 90 प्रतिशत से ज्यादा मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।
दुनिया की तकरीबन 3 अरब आबादी या 40 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास साफ-सुथरे कुकिंग फ्यूल और तकनीक के इस्तेमाल की सुविधा नहीं है, जो घर के भीतर होने वाले प्रदूषण की प्रमुख वजह है। बता दें कि भारत की जीडीपी का 8.5 प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य देखभाल और प्रदूषण की वजह से होने वाले उत्पादकता नुकसान में जाता है। संस्था हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट के अनुसार 2015 में 1.1 मिलियन से ज्यादा मौतें अस्थमा और दिल की बीमारी की वजह से हुईं।