Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Jul, 2020 01:37 PM
जुलाई महीने के पहले सोमवार को सावन की शुरुआत हुई। लॉकडाउन के कारण मंदिरों में इतनी भीड़ तो नहीं दिखी लेकिन पूरा माहौल शिवमय हुआ पड़ा था। वहीं मध्य प्रदेश के बैतूल में एक बिल में कोबरा के 100 से ज्यादा बच्चों को देखकर हड़कंप मच गया। गांव के बड़े...
नेशनल डेस्कः जुलाई महीने के पहले सोमवार को सावन की शुरुआत हुई। लॉकडाउन के कारण मंदिरों में इतनी भीड़ तो नहीं दिखी लेकिन पूरा माहौल शिवमय हुआ पड़ा था। वहीं मध्य प्रदेश के बैतूल में एक बिल में कोबरा के 100 से ज्यादा बच्चों को देखकर हड़कंप मच गया। गांव के बड़े बुजुर्गों ने इस चमत्कार बताया। सावन के महीने में इतने सांपों का एक साथ दिखना शुभ मान लोगों ने उनकी पूजा करनी शुरू कर दी। गांव के किसान चिन्धु पाटनकर के घर के पास एक बिल से निकले इन सांपों को एक पतीले में रखा गया और उनकी पूजा की गई। वहीं जब वन विभाग की टीम को इसकी सूचना मिली तो वो भोरूढाना गांव पहुंची।
टीम ने इन सांप के बच्चों को बरामद कर उन्हें जंगल में छोड़ दिया। वहीं टीम अधिकारी विजय करण वर्मा ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। अगर वन्यप्राणी प्रताड़ना का मामला सामने आया तो दोषी गांववालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। दूसरी तरफ गांव वालों ने कहा कि सावन ही एक ऐसा महीना है, जब सांपों को मारने की बजाय उनकी पूजा की जाती है, इसलिए सबने उन सापों की पूजा की।
बता दें कि सांप को भगवान शिव के गले का श्रृंगार कहा जाता है। भोलेनाथ के गले में हमेशा एक नाग सुशोभित रहता है। बरसात के मौसम में बिलों में पानी भर जाता है जिस कारण सांप वहां से निकलकर सुरक्षित स्थानों की तलाश में लोगों के घरों में छिप जाते हैं। कोबरा काफी खतरनाक होता ऐसे में उनका घरों से निकलना खतरे से कम नहीं है।