Edited By Pardeep,Updated: 03 Apr, 2021 07:14 AM
मोदी सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियमों, राष्ट्रीय उद्यानों व ऐतिहासिक भवनों का मुद्राकरण (लीज पर देकर) करके कम से कम 25,000 करोड़ रुपए कमाने की महत्वाकांक्षी योजना को अंतिम रूप दे रही है। खेल मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय तथा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने इन...
नई दिल्लीः मोदी सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियमों, राष्ट्रीय उद्यानों व ऐतिहासिक भवनों का मुद्राकरण (लीज पर देकर) करके कम से कम 25,000 करोड़ रुपए कमाने की महत्वाकांक्षी योजना को अंतिम रूप दे रही है। खेल मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय तथा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने इन राष्ट्रीय संपत्तियों को लंबे समय तक लीज पर देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
सरकार में उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, देश के लगभग 100 ऐतिहासिक भवन, जिनमें ताज महल, हिमाचल प्रदेश का कांगड़ा महल, मुंबई की बौद्ध कनेरी गुफाएं शामिल हैं, लीज पर देने के लिए चिन्हित कर लिए गए हैं। दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला ‘विरासत अपनाएं योजना’ में लीज पर दिया जा चुका है। सरकार ने इसे 5 सालों के लिए एक सीमैंट कंपनी को सौंपा है जिससे उसे 25 करोड़ रुपए मिले हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली नई दिल्ली म्यूनिसिपल कमेटी (एन.डी.एम.सी.) भी लोधी गार्डन, जिसमें कई इमारतें हैं, को भी लीज पर देने का विचार कर रही है। विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों, स्पोर्ट्स एवं इवैंट मैनेजमैंट कंपनियों की ओर से रुचि दिखाने तथा पूछताछ करने से उत्साहित सरकार ने अब स्पोर्ट्स स्टेडियमों व कांप्लैक्सों को बड़े स्तर पर लीज पर देने का फैसला कर लिया है।
इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कांप्लैक्स, मेजर ध्यान चंद नैशनल स्टेडियम, डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्विमिंग पूल कांप्लैक्स तथा डा. करणी सिंह शूटिंग रेंज के अलावा जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम सरकार की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। इनमें से अधिकतर स्टेडियम पूरे साल खाली पड़े रहते हैं और इनकी देखभाल करनी पड़ती है।
खेल मंत्रालय का कहना है कि ये स्पोर्ट्स कांप्लैक्स पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हो रहे तथा इनसे सरकार के खजाने पर बोझ पड़ रहा है। निजी कंपनियों को इन्हें लीज पर देने से इनकी इमारतों को संभालने में मदद मिलेगी। इन स्टेडियमों को शुरूआती पेमैंट के बाद ‘इस्तेमाल और देखभाल करें’ योजना में 30 साल के लिए लीज पर दिया जाएगा।