रेप व पॉक्सो केस निपटाने को बनेंगी 1023 अदालतें

Edited By Pardeep,Updated: 16 Sep, 2019 04:59 AM

1023 courts to be set up for rape and poxo cases

केंद्र सरकार देश भर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए 1,023 विशेष त्वरित अदालतों की स्थापना करने की तैयारी कर रही है। देश में ऐसे 1.66 लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। केंद्रीय कानून मंत्रालय के तहत न्याय...

नई दिल्ली: केंद्र सरकार देश भर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए 1,023 विशेष त्वरित अदालतों की स्थापना करने की तैयारी कर रही है। देश में ऐसे 1.66 लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। केंद्रीय कानून मंत्रालय के तहत न्याय विभाग द्वारा तैयार किए एक प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रत्येक विशेष अदालत द्वारा हर साल कम से कम ऐसे 165 मामलों के निपटारे की उम्मीद है।

उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार इनमें से 389 अदालतें खासतौर से पॉक्सो के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करेंगी। बाकी 634 अदालतें या तो बलात्कार के मामलों या पॉक्सो कानून के मामलों की सुनवाई करेंगी। उम्मीद है कि हर अदालत हर तिमाही में 41-42 मामलों का और साल में कम से कम 165 मामलों का निपटारा करेगी।’ 

विभाग के मुताबिक देश की विभिन्न अदालतों में बलात्कार और पॉक्सो कानून के 1,66,882 मामले लंबित हैं। 389 जिलों में पॉक्सो कानून के तहत दर्ज मुकदमों की संख्या 100 से अधिक है। इसलिए उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार इनमें से प्रत्येक जिले में एक विशेष पॉक्सो अदालत होनी चाहिए, जहां किसी दूसरे मामले की सुनवाई नहीं होगी। कानून मंत्रालय कह चुका है कि इन विशेष अदालतों की स्थापना की प्रक्रिया दो अक्तूबर से शुरू होगी।

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