Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Jul, 2018 04:18 AM
गत शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा पर 104 सालों बाद खग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। चंद्र ग्रहण से पहले सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। चंद्र ग्रहण रात 11.45 से 3.49 बजे तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित अमित भारद्वाज के मुताबिक, आषाढ़ मास की...
गत शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा पर 104 सालों बाद खग्रास चंद्र ग्रहण को लोगों ने देखा। इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण शुक्रवार रात 11.54 से शुरू होकर अगले दिन 28 जुलाई सुबह 3.49 तक रहा।
ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित अमित भारद्वाज के मुताबिक, आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा है। इस दिन 104 साल बाद सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई दिया। उन्होंने बताया कि इससे पहले इस दिन 1914 में चंद्र ग्रहण लगा था। 27 जुलाई (शुक्रवार) को दोपहर 2.54 बजे से ग्रहण का सूतक लग गया है और इसके लगते ही मंदिरों के कपाट बंद हो गए थे। चंद्र ग्रहण रात्रि 11.54 बजे से प्रारंभ होकर प्रात: 3.49 बजे तक रहा। यह चंद्र ग्रहण मेष, सिंह, कन्या, वृश्चिक, मीन राशि के लिए शुभ है। जबकि वृष, मिथुन, कर्क, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि के लिए अशुभ रहेगा। ग्रहण की समाप्ति के बाद मंदिरों की साफ-सफाई के बाद पूजा प्रारंभ होगी।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
भारत के साथ-साथ यह चंद्रग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, हिंद और अटलांटिक महासागर क्षेत्र में भी दिखाई दिया। भोले बाबा और रूद्र अवतार हनुमान जी की उपासना ग्रहण के दौरान करना हर तरह के अशुभ प्रभाव को नष्ट करेगा। बड़े-बुजुर्ग, रोगी और छोटे बच्चे डेढ़ प्रहर पहले तक भोजन कर लें। ग्रहण से पहले घर में मौजूद सभी तरह के खाने वाले सामान में कुश या तुलसी की पत्तियां डालें। इससे उन पर ग्रहण का किसी भी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। ग्रहण के शुरू से लेकर अंत तक कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए।
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