Edited By vasudha,Updated: 01 Aug, 2019 06:33 PM
कर्नाटक में सियासी नाटक खत्म होता दिखाई नहीं दे रहा है। अब कर्नाटक के कांग्रेस-जद(एस) के अयोग्य घोषित 14 बागी विधायकों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने याचिका दायर कर तत्कालीन स्पीकर आर रमेश कुमार के फैसले को चुनौती दी है...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक में सियासी नाटक खत्म होता दिखाई नहीं दे रहा है। कर्नाटक विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किये गये कांग्रेस-जद (एस) के 14 विधायकों ने वीरवार को विधान सभा अध्यक्ष के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
बागी विधायकों का कहना है कि स्पीकर के आर रमेश कुमार का फैसला असंवैधानिक है। उन लोगों ने नियमों के तहत ही उन्हें इस्तीफा सौंपा था। लेकिन तत्कालीन सरकार के दबाव में स्पीकर ने उन लोगों को अयोग्य करने का फैसला सुनाया था जो संविधान सम्मत नहीं था।
इससे पहले, कांग्रेस के दो बागी विधायक-रमेश एल जारकिहोली और महेश कुमाथल्ली ने उन्हें अयोग्य घोषित करने के विधान सभा अध्यक्ष के 25 जुलाई फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत मे याचिका दायर की थी। तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य घोषित किये गये जद(एस) के विधायकों-ए एच विश्वनाथ, के गोपालैया, नारायण गौवडा- ने संयुक्त् याचिका में 28 जुलाई के फैसले को चुनौती दी है।
शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने वाले कांग्रेस के विधायकों में प्रताप गौडा पाटिल, बी सी पाटिल, शिवराम हब्बर, एस टी सोमशेखर, बी बसवाराज और मुनिरत्न शामिल हैं। इनके अलावा, विधान सभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के रोशन बेग, आनंद सिंह, एमटीबी नागराज, डा सुधाकर, सैंड श्रीमंत पाटिल को भी अयोग्य घोषित किया था। रमेश कुमार ने सोमवार को भाजपा के येदियुरप्पा द्वारा बहुमत साबित किये जाने के बाद विधान सभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।