दिल्ली की दमघोटू हवा शुद्ध करने में 18 लाख पेड़ों के बराबर काम कर रही है 1500 इलेक्ट्रिक बसें

Edited By Mahima,Updated: 05 Aug, 2024 02:15 PM

1500 electric buses are working equivalent to 18 lakh trees

दिल्ली में डी.टी.सी. के बेड़े में शामिल 1500 इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इन बसों के सड़कों पर उतरने के बाद दिल्ली की दमघोटू हवा में सुधार होने लगा है।

नई दिल्ली: दिल्ली में डी.टी.सी. के बेड़े में शामिल 1500 इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इन बसों के सड़कों पर उतरने के बाद दिल्ली की दमघोटू हवा में सुधार होने लगा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक बसों ने 91 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण में उत्सर्जित होने से रोकने के लिए 18.20 लाख पेड़ों के  बराबर काम किया है।

2966 सी.एन.जी. बसों को हटाने की तैयारी
दिल्ली के परिवहन विभाग द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 1500 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इन बसों की लागत 11.20 करोड़ रुपये है और अब तक इन बसों से लगभग 40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। विभाग ने हाल ही में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की समीक्षा की है और दिल्ली के 18 डिपो में इन बसों का संचालन शुरू कर दिया गया है। भविष्य में 42 और डिपो में भी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने की योजना है। रिपोर्ट के मुताबिक डी.टी.सी. के बेड़े में कुल 2966 सी.एन.जी. बसें हैं, जिनकी उम्र अगले साल तक पूरी हो जाएगी। अगस्त 2025 तक इन सभी सी.एन.जी. बसों को हटा दिया जाएगा और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा। दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2025 तक सी.एन.जी. बसों की संख्या को कम कर इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को 80 फीसदी तक बढ़ाना है, जिससे वायु में 4.67 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड कम होगी।

इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को होगी 80 फीसदी
सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने योजना बनाई है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 21 अगस्त को दिल्ली सचिवालय में एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें सर्दियों में प्रदूषण की रोकथाम पर चर्चा की जाएगी। इस प्रयास से उम्मीद है कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित किया जा सकेगा। अब 2025 तक सी.एन.जी. बसों को पूरी तरह से हटाने और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को 80 फीसदी तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ, दिल्ली की वायु गुणवत्ता में और सुधार की उम्मीद है। सर्दियों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए नई योजनाओं के साथ दिल्ली सरकार का प्रयास है कि राजधानी में हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके और सार्वजनिक परिवहन में स्थिरता लाया जा सके।

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