Edited By ,Updated: 10 Jul, 2016 09:13 PM
भारत में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का संगठन मजबूत होता जा रहा है। खबर है कि केरल से 17 ...
नई दिल्ली: भारत में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का संगठन मजबूत होता जा रहा है। खबर है कि केरल से 17 युवा आतंकवादी संगठन आईएस में शामिल हो चुके हैं। इनमें से कुछ युवा हज के बहाने तो कोई घूमने के लिए खाड़ी के देश गए हैं। इन युवाओं के गायब हुए एक महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है। बताया जा रहा है कि सभी युवा 30 साल से कम उम्र के हैं। हैरानी की बात यह है कि सभी युवा काफी पढ़े लिखे हैं, इनमें से कोई डॉक्टर कोई इंजीनियर तो कोई कंप्यूटर का जानकार है।
गायब युवाओं में से 11 उत्तर केरल के कासरगोड जिले के पडना और थिरिकारीपुर के रहने वाले बताए जा रहे हैं और बाकी 6 पाल्लकाड के। सूत्रों के मुताबिक सऊदी अरब में लापता हुए युवाओं में एक डॉक्टर है जो अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ हज के लिए निकला था। इसी तरह एक कंप्यूटर इंजीनियर भी अरब देशों की सैर पर निकला था लेकिन अब कहां है किसी को नहीं पता। इसी फेरहिस्त में निमिषा उर्फ फातिमा नाम की एक गर्भवती महिला भी है जो कासरगोड़ के सेंचुरी डेंटल कॉलेज की छात्रा बताई जा रही है।
केरल के इन युवाओं के आतंकी संगठन आईएस में शामिल होने का शक इसलिए भी गहराता जा रहा क्योंकि इनमें से दो युवकों ने अपने परिचितों को वॉट्सऐप संदेश भेजा कर आईएस में शामिल होने का इशारा किया है। हम अपनी आखिरी मंजिल तक पहुंच चुके हैं और मुस्लिम पर जुल्म ढाने वाले अमेरिका को सबक सिखाकर ही दम लेंगे। हालांकि केरल पुलिस ने अब तक इन संदेशों की सच्चाई की पुष्टि नहीं की है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और एनआईए भी मामले पर करीबी नजर बनाए हुए है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं।
17 लोगों में से एक महिला की मां बिंदु ने आज मुयमंत्री पिनराई विजयन से मुलाकात की और उनसे इस मामले की जांच कराने को कहा। बिंदु की बेटी ने शादी के बाद धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल लिया। मुख्यमंत्री विजयन को एक ज्ञापन सौंपने वाली बिंदु ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री ने मुझे बताया कि इस मामले में जांच आगे बढ़ रही है।’’ बिंदु ने कहा कि उसकी 25 वर्षीय बेटी निमिशा अपने पति के साथ गत 16 मई को अपने घर आई थी और 18 मई को उनकी बेटी ने फोन कर बताया कि वह कुछ काम से श्रीलंका जा रही है। ‘‘
मेरे बार बार पूछने पर भी उसने यह नहीं बताया कि वह कहां से फोन कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चार जून तक मुझे संदेश मिला करते थे, लेकिन इसके बाद मेरी बेटी के बारे में कोई सूचना नहीं है।’’ बिंदु ने कहा कि उसकी बेटी निमिशा जब एक ईसाई युवक से मिली और उससे शादी की, उस समय वह कासरगोड में डेंटल की अंतिम वर्ष की विद्यार्थी थी। बाद में निमिशा ने अपने पति के साथ धर्म परिवर्तन कर लिया।