Edited By Anil dev,Updated: 17 Dec, 2018 01:22 PM
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दिल्ली कैंट के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सज्जन कुमार पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं सज्जन कुमार पर फैसला सुनाते वक्त...
नई दिल्ली: वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दिल्ली कैंट के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सज्जन कुमार पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं सज्जन कुमार पर फैसला सुनाते वक्त दिल्ली हाईकोर्ट के जज रो पड़े। इसके अलावा पीड़ित पक्ष के वकील भी कोर्ट में फैसले के दौरान रोने लगे।
सज्जन कुमार को सजा सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि कई दशक से लोग न्याय का इंतजार कर रहे हैं, ये जांच एजेसिंयों की नाकामी है कि अब तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ है। हाईकोर्ट के फैसले से दंगा पीड़ितों का इंतजार खत्म हुआ और उन्हें लगभग 34 साल बाद न्याय मिला। फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने कहा, ‘‘यह आजादी के बाद की सबसे बड़ी हिंसा थी। इस दौरान पूरा तंत्र फेल हो गया था। यह हिंसा राजनीतिक फायदे के लिए करवाई गई थी।
आपको बतां दे कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कुमार को आपराधिक षड्यंत्र रचने, शत्रुता को बढ़ावा देने, सांप्रदायिक सछ्वाव के खिलाफ कृत्य करने का दोषी ठहराया। उच्च न्यायालय ने कहा कि कुमार को ताउम्र जेल में रहना होगा। उनसे 31 दिसम्बर तक आत्मसमर्पण करने को कहा गया और उससे पहले दिल्ली नहीं छोडऩे को भी कहा गया। अदालत ने कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी भागमल, गिरधारी लाल, पूर्व विधायक महेंद्र यादव और कृष्ण खोखर की दोषिसद्धि भी बरकरार रखी।