Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Oct, 2019 11:23 AM
आपने अक्सर सुना होगा कि डॉक्टरों ने ऑप्रेशन के दौरान लापरवाही के चलते मरीज के पेट में कैंची या तौलिया छोड़ दिया। पर क्या कभी सुना है कि डॉक्टरों ने युवकों को गर्भवती का टेस्ट कराने के लिए लिखा हो। शायद आप इस बात को हंसी में लेंगे लेकिन आपको जानकार
नेशनल डेस्कः आपने अक्सर सुना होगा कि डॉक्टरों ने ऑप्रेशन के दौरान लापरवाही के चलते मरीज के पेट में कैंची या तौलिया छोड़ दिया। पर क्या कभी सुना है कि डॉक्टरों ने युवकों को गर्भवती का टेस्ट कराने के लिए लिखा हो। शायद आप इस बात को हंसी में लेंगे लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि यह सच है। एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने दो युवकों को गर्भवती महिलाओं का किया जाना वाला टेस्ट लिख दिया जिसकी इन दिनों काफी चर्चा है। दरअसल सिमरिया के चोरबोरा गांव के रहने वाले 22 साल के गोपाल गंझू और पास के ही दूसरे गांव के रहने वाले सुधु गंझू को 1 अक्तूबर को अचानक पेट में दर्द की शिकायत हुई। दोनों के परिजन उनको झारखंड के चतरा जिले के सिमरिया सरकारी अस्पताल में ले गए।
डॉक्टर ने दोनों का चैकअप किया और पर्ची पर कुछ टेस्ट करवाने के निर्देश लिखकर उनको दे दिए। जब युवक पर्ची लेकर पैथलॉजी पहुंचे तो वहां का डॉक्टर यह देखकर दंग रह गया कि गर्भवती महिलाओं का होने वाला टेस्ट ANC पुरुष मरीज का कैसे हो सकता है। पैथलॉजी के डॉक्टर ने पर्ची पर लिखे दूसरे सभी टेस्ट कर दिए लेकिन ANC (गर्भवती महिलाओं की जांच) टेस्ट करने से इंकार कर दिया। युवक अपने घर आए और परिजनों को बताया कि डॉक्टर ने ANC टेस्ट नहीं किया।
इस पर युवकों को पता चला कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने गर्भवती महिलाओं का होने वाला टेस्ट उनको पर्ची पर लिखकर दे दिया। यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। जब इस बारे में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता। डॉक्टर ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि पर्ची पर ओवर राइटिंग कर ऐसा किया गया है। वहीं अस्पताल के सीनियर डॉक्टर ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और अगर यह सच है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।