Edited By seema,Updated: 05 Sep, 2018 03:47 PM
2008 के मालेगांव मामले में विशेष एनआईए अदालत ने आज कहा कि वे आरोपियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों और प्रतिबंधों की वैधता पर सुनवाई करेगा। एनआईए इस मामले में सुनवाई 10 सितंबर से शुरू करेगा। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट
मुंबई: एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को 2008 के मालेगांव धमाका मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया टाल दी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश विनोद पाडलकर ने आरोप तय करने का काम उस वक्त टाल दिया जब पुरोहित एवं अन्य आरोपियों ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत उन पर मुकदमा चलाने की वैधता पर आपत्ति जताई।
पूर्व मेजर रमेश उपाध्याय नाम के एक आरोपी ने दलील दी कि मुकदमे की सुनवाई शुरू करने से पहले इस पर फैसला होना चाहिए कि क्या उन पर यूएपीए लागू हो सकता है। न्यायाधीश ने मामले को स्थगित कर दिया और कहा कि अदालत अगले सोमवार से सभी आरोपियों की दलीलें सुनेगी। उन्होंने कहा कि दलीलों की सुनवाई हर रोज होगी और इसकी शुरुआत पुरोहित से होगी। बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पुरोहित की वह अर्जी खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने मांग की थी कि निचली अदालत को इस मामले में उनके और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने से रोका जाए।
पुरोहित ने अपनी अर्जी में उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि आरोप तय करने की प्रक्रिया पर तब तक रोक लगाई जाए जब तक उच्च न्यायालय द्वारा उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी के मुद्दे पर फैसला नहीं कर लेता। पिछले साल 18 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने पुरोहित पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की मंजूरी को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, जिसने 20 अप्रैल को इस मामले में दखल से इनकार कर दिया था।