Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Jul, 2018 01:17 PM
गुजरात के महेसाणा जिले के विसनगर की एक अदालत ने आज पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल और एक अन्य समेत तीन लोगों को तीन साल पहले वहां आरक्षण समर्थक एक रैली के दौरान तत्कालीन भाजपा विधायक
अहमदाबादः गुजरात के महेसाणा जिले के विसनगर की एक अदालत ने आज पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल और एक अन्य समेत तीन लोगों को तीन साल पहले वहां आरक्षण समर्थक एक रैली के दौरान तत्कालीन भाजपा विधायक रिषिकेश पटेल के कार्यालय में हुई तोड़फोड़ के मामले में दो-दो साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई। 23 जुलाई 2015 को हुई इस घटना के कुल 17 नामजद दोषियों में से 14 अन्य को अदालत ने बरी कर दिया।
अदालत ने तीनों को 50-50 हजार रुपए के जुर्माने की भी सजा सुनाई और इस रकम में से दस हजार रुपए शिकायतकर्त्ता और एक समाचार चैनल के कैमरामैन सुरेश वणोल (जिन पर भी भीड़ ने हमला कर कैमरा तोड़ दिया था) को देने के आदेश दिए। इसके अलावा इस रकम से घटना के दौरान आगजनी में जली कार के मालिक बाबूजी ठाकोर को एक लाख रुपए और 40 हजार रुपए तत्कालीन विधायक पटेल को भी बतौर मुआवजा देने के आदेश दिए।
दो साल की सजा होने के चलते तीनों को आज ही जमानत मिल जाने की पूरी उम्मीद है। ज्ञातव्य है कि उक्त रैली के दौरान भीड़ ने पटेल के कार्यालय में तोडफ़ोड़ की थी और आगजनी कर एक कार को भी जला दिया था। अदालत ने तीनों को केवल दंगा करने यानी रायटिंग की धारा के तहत ही दोषी ठहराया है, कई अन्य धाराओं में बरी कर दिया है।